अंतर्राष्ट्रीय
16-Oct-2025
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वाशिंगटन डीसी,(ईएमएस)। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) बीते दिनों पाकिस्तान को फटकार लगाता हुआ दिख रहा था। वैश्विक निकाय ने गलत व्यापार आंकड़े देने पर पाक पर सख्ती दिखाकर उससे 11 अरब डॉलर का पूरा हिसाब-किताब मांगा था। लेकिन लंबे समय से आर्थिक बदहाली के शिकार पाकिस्तान पर फिर आईएमएफ मेहरबान दिखा। बुधवार को पाकिस्तान-आईएमएफ के बीच लोन प्रोग्राम को लेकर एक स्टाफ लेवल समझौता (एसएलए) हुआ है। इसके बाद पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर (करीब 10600 करोड़ भारतीय रुपये) मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है। पाकिस्तान को नए समझौते के तहत आईएमएफ से एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) के तहत 1 अरब डॉलर (8816 करोड़ रुपये से ज्यादा) उपलब्ध कराए जाएंगे। जबकि रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (आरएसएफ) के तहत 200 मिलियन डॉलर (करीब 1763 करोड़ रुपये) की राशि मिलेगी। बीते सप्ताह इवा पेत्रोवा के नेतृत्व में आईएमएफ मिशन ने ईएफएफ की दूसरी समीक्षा पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ चर्चा की थी, जिसके बाद अब पाकिस्तान को लोन की एक और किस्त मिलने का रास्ता साफ हो गया है। पेत्रोवा ने देश की आर्थिक रिकवरी होने की भी बात कही। वित्त वर्ष 2024-25 में चालू खाता 14 साल में पहली बार अधिशेष में रहा, वित्तीय संतुलन कार्यक्रम लक्ष्य से बेहतर रहा, मुद्रास्फीति नियंत्रित है और बाहरी भंडार मजबूत हुए हैं। कुल मिलाकर पाकिस्तान के आर्थिक हालात में रिकवरी और तेज सुधार देखा जा रहा है। लंबे समय से आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान इकोनॉमी की गाड़ी आईएमएफ सहित अन्य वित्तीय संगठनों में मित्र देशों से मिलने वाले कर्ज के भरोसे चल रही है। दरअसल, बीते दिनों आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने उसकी आर्थिक मदद करने वाले आईएमएफ को व्यापार आंकड़ों का गलत डेटा दे दिया, जिससे नाराज आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से साफ कहा है कि वह अपने व्यापार आंकड़ों में 11 अरब डॉलर की हेरफेर का सार्वजनिक रूप से खुलासा करे और उनका समाधान करे। आशीष/ईएमएस 16 अक्टूबर 2025