अंतर्राष्ट्रीय
16-Oct-2025
...


काबुल,(ईएमएस)। पाकिस्तानी सेना युद्ध जितने दमखम से शुरु करती है उतनी ही कायरता के साथ जंग रोकने के लिए गिड़गिड़ाने लगती है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत जब भारतीय सेना ने अपनी जाबांजी दिखाई तो चंद घंटों में ही पाकिस्तानी सेना ने हथियार डाल दिए। ठीक इसी तरह अफगानिस्तान से पंगा लिया। जैसे ही काबुल ने बम बरसाए तो सीजफायर के लिए फरियाद करने लगा। अंतत: सभी शर्ते मानने को तैयार हो गया और अपने हथियार डाल दिए। जानकारी के मुताबिक, सिर्फ 8 घंटे में ही पाकिस्तानी सेना सीजफायर के लिए गिड़गिड़ाने लगी और उसे तालिबान की शर्तों पर ही जंग रोकनी पड़ी। तो फिर ऐसा हुआ क्या? पहले तो तालिबान ने पाकिस्तानी फौज का अनुरोध ठुकरा दिया, लेकिन बाद में बार-बार अनुरोध करने पर उनकी बात मान ली। हालांकि, शर्त भी लगा दी है कि अगर इस तरह का फिर कोई अटैक हुआ तो जवाब और भी भयानक होगा। अब पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर 48 घंटे का सीजफायर मांगा है, जिसे तालिबान सरकार ने स्वीकार कर लिया है। तालिबान की ओर से कहा गया है कि सीजफायर के दौरान स्थिति की निगरानी की जाएगी, लेकिन यह स्पष्ट किया गया कि अगर सीमा उल्लंघन जारी रहे तो तालिबान तुरंत जवाब देगा। स्थानीय मीडिया के मुताबिक बुधवार सुबह पाकिस्तानी फौज ने अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डक इलाके में बमबारी की। इसके बाद तालिबान की सिक्योरिटी फोर्स ने करारा जवाब दिया और पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सैनिकों के शव युद्धक्षेत्र में ही पड़े रहे और कुछ को जीवित पकड़ लिया गया। इसके बाद, पाकिस्तानी सरकार ने विभिन्न माध्यमों से तालिबान के साथ सीजफायर की गुहार लगाई। अफगानिस्तान सरकार ने कहा कि हमले में पाकिस्तानी फौज को भारी नुकसान पहुंचा है। उनके कई जवान मारे गए हैं। पाकिस्तानी फौज सैनिकों की डेडबॉडी छोड़कर भाग गए हैं। कई सैनिक हमारी हिरासत में हैं। पाकिस्तान की सरकार बार बार हमारे संपर्क में है और सैनिकों को वापस देने की गुहार लगा रही है। पाकिस्तान को डूरंड लाइन का सम्मान करना चाहिए। अगर वे फिर ऐसी हरकत करते हैं तो तुरंत और करारा जवाब दिया जाएगा। वीरेंद्र/ईएमएस/16अक्टूबर2025 -------------------------------------