नरसिंहपुर (ईएमएस)। जिला दंडाधिकारी नरसिंहपुर श्रीमती रजनी सिंह ने वायु मंडल, पर्यावरण एवं भूमि की क्षति को दृष्टिगत रखते हुए सार्वजनिक हित में नरसिंहपुर जिले की सम्पूर्ण राजस्व सीमा क्षेत्र के लिए नरवाई जलाने की प्रथा पर तत्काल अंकुश लगाने हेतु भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जन सामान्य को बाधा, क्षति, मानव जीवन स्वास्थ्य, क्षेम के खतरे के प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए जिले की सीमाओं में खेत में खड़ी फसलों के डंठलों (नरवाई) एवं फसल अवशेषों में आग लगाए जाने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं। इस आदेश 16 अक्टूबर 2025 से 2 माह की अवधि के लिए प्रभावशील रहेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। पर्यावरण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अंतर्गत नरवाई में आग लगाने वालों के विरूद्ध क्षतिपूर्ति के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। जिसके तहत दो एकड़ तक के कृषकों को 2500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक के कृषकों को 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से बड़े कृषकों को 15 हजार रुपये का अर्थदंड प्रति घटना का प्रावधान किया गया है। जिला दंडाधिकारी नरसिंहपुर ने जारी आदेश में बताया कि उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास नरसिंहपुर द्वारा संज्ञान में लाया गया कि नरसिंहपुर राजस्व जिले में फसल कटाई के पश्चात अगली फसल के लिए खेत तैयार करने के लिए बहुसंख्यक कृषकों द्वारा अपनी सुविधा के लिए खेत में आग लगाकर फसल काटने के उपरांत भूमि में जड़ व डूढ (नरवाई) को नष्ट कर खेत साफ किया जाता है, जिससे व्यापक अग्नि दुर्घटनाएं होकर जन- धन की हानि होती है। इसे नरवाई में आग लगाने की प्रथा के नाम से भी जाना जाता है। नरवाई में आग लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाना जनहित में आवश्यक है। जारी आदेश के अनुसार नरवाई में आग लगाने से भूमि में उपस्थित माइक्रोब्ज की क्षति होती है। साथ ही यह पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है। इसके कारण विगत वर्षों में गंभीर अग्नि दुर्घटनाएं घटित हुई है तथा व्यापक संपत्ति की हानि कारित हुई है। ग्रीष्म ऋतु में इससे जल संकट में बढ़ोत्तरी तो होती ही है साथ ही कानून व्यवस्था के लिए भी विपरीत परिस्थितियां निर्मित होती हैं। मप्र शासन के पर्यावरण विभाग द्वारा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19 (1) के अंतर्गत जारी अधिसूचना के माध्यम से वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अनुपालन के लिए सम्पूर्ण मध्यप्रदेश को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए अधिसूचित किया गया है। मप्र में वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा (5) के तहत नरवाई जलाना तत्समय से तत्काल प्रतिबंधित किया गया है, जो कि वर्तमान में निरंतर है। श्री मेरावी/ईएमएस / 16 अक्टूबर 2025