राज्य
17-Oct-2025
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इन्दौर (ईएमएस) अपर सत्र न्यायाधीश, महू, सारिका गिरी शर्मा ने अपनी 10 वर्षीय एवं 16 वर्षीय नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वाले उनके हैवान पिता व उनके ताऊ (बच्चियों के पिता के बड़े भाई) को प्रकरण सुनवाई उपरांत दोषी करार देते शेष जीवन काल (अंतिम सांस) तक की दोहरी कैद की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया। प्रकरण सिमरोल थाना क्षेत्र का था जिसके अनुसार दोनों नाबालिग पीड़िताओं को दोनों आरोपी तीन चार साल से धमकाकर उनके साथ दुष्कृत्य कर रहे थे। यह बात बच्चियों ने अपनी स्कूल टीचर को बताई और उनके द्वारा मामला महिला एवं बाल विकास विभाग तक पहुंचा। उसके बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की पहल पर प्रकरण दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर विवेचना उपरांत प्रकरण चालान कोर्ट में पेश किया गया। जिस पर सुनवाई दौरान अभियोजन पैरवी एडीपीओ महेन्द्रसिंह मुजाल्दे ने की। अभियोजन कहानी संक्षेप में इस प्रकार है कि पीड़िताओं की मां की पहले ही जलने से मौत हो चुकी थी। उनके बयान अनुसार उनकी मां को भी पिता द्वारा ही जलाया गया था। पीडिता ने अपने साथ हो रहे दुष्कर्म की बात इसके चलते ही अपने स्कूल मे महिला शिक्षिकाओं को बताई थी। इस पर स्कूल वाले दोनो पीड़िताओं को बाल कल्याण समिति राऊ लेकर गए। वहां बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों ने उनसे पूछताछ की और महिला एवं बाल विकास विभाग इंदौर को सूचना देते जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग इंदौर को पत्र लिखा। दोनों पीड़िताओं ने समिति के समक्ष उपस्थित होकर बताया कि उनके पिता व उनके बड़े पापा उनके साथ लगातार 3-4 वर्ष से दुष्कर्म करते और मना करने पर उनके साथ मारपीट करते थे। विभाग की पहल पर आरोपी पिता और उसके बड़े भाई पर पॉक्सो एक्ट व अन्य धाराओं में केस दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान कोर्ट में पेश किया गया जिस पर सुनवाई करते सक्षम न्यायालय ने 40 वर्षीय व 41 वर्षीय दोनों आरोपियों को पॉक्सो एक्ट में शेष प्राकृतिक जीवन काल तक की कैद व 1000 रुपए जुर्माना, पॉक्सो एक्ट की दूसरी धारा में भी शेष प्राकृत जीवनकाल तक की कैद व 1000 रुपए जुर्माना व धमकाने के आरोप में 10 वर्ष का सश्रम कारावास व 1000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।