- बिल हाफ योजना को बंद कर आम जनता को मुफ्त बिजली का झांसा दिया - स्मार्ट मीटर की खामियों के कारण 20 से 27 हजार का बिल भी भेजा जा रहा - कांग्रेस ने बिजली बिल वृद्धि और स्मार्ट मीटर विवाद पर भाजपा सरकार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप रायपुर(ईएमएस)। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा सरकार पर अनाप-शनाप बिजली बिल और भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आम जनता अब दोगुनी-तिगुनी बिजली बिलों से परेशान है। जिन घरों में पहले 500-600 रुपये का बिल आता था, अब स्मार्ट मीटर लगाने और बिजली बिल हाफ योजना बंद होने के कारण 2 हजार से 3 हजार रुपये तक का बिल आ रहा है। कुछ मामलों में स्मार्ट मीटर की खामियों की वजह से 20-27 हजार रुपये का बिल भी भेजा जा रहा है, लेकिन इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह सब भाजपा सरकार की पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियों का नतीजा है। पहले बिजली बिल हाफ योजना को बंद कर आम जनता को मुफ्त बिजली का झांसा दिया गया और निजी कंपनियों के साथ साजिश करके स्मार्ट मीटर लगाकर जनता से अनाप-शनाप बिल वसूले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिजली बिल हाफ योजना के तहत प्रदेश के 54 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक बिजली मिलती थी। योजना बंद करने के बाद उपभोक्ताओं को मजबूर कर पूंजीपति मित्रों के सोलर पैनल लगवाए जा रहे हैं। जनता स्मार्ट मीटर लगवाने के लिए तैयार नहीं है, फिर भी जबरदस्ती इसे थोपने का काम किया जा रहा है। धनंजय सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। सबस्टेशन संचालन पर पहले 500 रुपये खर्च होता था, अब इसे 2,000 रुपये में टेंडर किया जा रहा है, जिससे 82 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। कोयला ढुलाई के मामले में छत्तीसगढ़ में 350 रुपये प्रति टन खर्च होने के बावजूद गुजरात की कंपनी को 780 रुपये प्रति टन दर पर कार्य दिया गया। सरकारी विभागों में बकाया बिजली बिल को घाटा बताकर आम जनता से वसूली की जा रही है। उन्होंने मांग की कि बिजली बिल हाफ योजना पुनः शुरू की जाए, उपभोक्ताओं को 400 यूनिट में छूट मिले और स्मार्ट मीटर हटाया जाए। इसके साथ ही बिजली विभाग में समान सप्लाई, कोयला ढुलाई और संचालन के टेंडरों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और स्थानीय स्तर पर दर तय हो ताकि खर्च जनता पर न पड़े।