गोरखपुर,(ईएमएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजनीतिक इस्लाम का जिक्र बहुत कम होता है। उनका दावा है कि इसने सनातन धर्म पर सबसे गहरी चोट पहुंचाई है। गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शताब्दी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित ‘विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन’ और ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रम में बोलते हुए योगी ने खुलकर अपने विचार साझा किए। योगी ने आरोप लगाया कि ‘राजनीतिक इस्लाम’के नाम पर गतिविधियां आज भी अलग-अलग रूपों में जारी हैं। उन्होंने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल प्रमाणित उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने कहा, ऐसे उत्पादों से होने वाला मुनाफा धर्मांतरण, लव जिहाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने में इस्तेमाल हो रहा था। मुख्यमंत्री के इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि उन्होंने न केवल इतिहास की व्याख्या पर सवाल उठाए, बल्कि समकालीन धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को भी नए सिरे से उठाया। सीएम ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप और महाराणा सांगा जैसे महान योद्धाओं ने राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ संघर्ष किया। हमारे पूर्वजों ने ब्रिटिश और फ्रेंच उपनिवेशवाद के साथ-साथ राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ भी बड़ी लड़ाइयां लड़ीं, लेकिन इतिहास में इस पहलू को नजरअंदाज किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस ने भारत में ‘असंभव को संभव’कर दिखाया और राम मंदिर निर्माण इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग जब राम मंदिर पर सवाल उठा रहे थे, तब संघ के स्वयंसेवक अपने संकल्प पर अडिग रहे। संघ के कार्यकर्ताओं ने लाठियां खाईं, गोलियां खाईं, लेकिन आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर खड़ा है। यह उनकी अटूट आस्था और समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने संघ की शताब्दी पर संघ के पांच प्रमुख संकल्पों सामाजिक समरसता, पारिवारिक मूल्य, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी उत्पादों से आत्मनिर्भरता और नागरिक दायित्व को ‘विकसित भारत की आधारशिला’ बताया। उन्होंने कहा, “एक विकसित समाज और विकसित राष्ट्र के लिए आवश्यक है कि समाज नेतृत्व करे और सरकार उसका अनुसरण करे। वीरेंद्र/ईएमएस/22अक्टूबर2025