राष्ट्रीय
22-Oct-2025
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने उठाया सवाल नई दिल्ली,(ईएमएस)। देश में भ्रष्टाचार की जांच करने वाली सर्वोच्च संस्था लोकपाल इन दिनों अपने एक फैसले को लेकर सुर्खियों में है। दरअसल, लोकपाल ने हाल ही में सात लग्जरी बीएमडब्ल्यू कारें खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है, जिनकी कुल कीमत करीब 5 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इस फैसले पर अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चिदंबरम ने एक्स पर पोस्ट कर सवाल उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट के जज सिडान कारों में चलते हैं, तो लोकपाल के चेयरमैन और छह सदस्यों को बीएमडब्ल्यू की क्या जरूरत है? जनता के पैसों से इन गाड़ियों की खरीद क्यों की जा रही है? उम्मीद है लोकपाल के कम से कम एक या दो सदस्य इन कारों को लेने से इनकार करेंगे। चिदंबरम की यह टिप्पणी एक रिपोर्ट में सामने आई, जिसमें खुलासा हुआ कि लोकपाल ने सात बीएमडब्लू कार की खरीद के लिए टेंडर जारी किया है। दस्तावेज़ों के मुताबिक इन सभी गाड़ियों का रंग सफेद होगा और इन्हें दिल्ली के वसंत कुंज स्थित लोकपाल कार्यालय में दो हफ्तों के अंदर डिलीवर करना है। टेंडर में यह भी कहा गया है कि सप्लायर को ये बीएमडब्लू कार चलाने के लिए लोकपाल के ड्राइवरों को सात दिन की खास ट्रेनिंग देनी होगी। बीएमडब्लू की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक इस सेगमेंट की सबसे लंबी और लक्ज़री कार मानी जाती है, जिसमें पीछे बैठने के लिए सबसे ज़्यादा जगह और आराम दिया गया है। एक कार की ऑन-रोड कीमत करीब 70 लाख है। लोकपाल की यह खरीद इसलिए भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि संस्था का मकसद जनहित और पारदर्शिता से जुड़ा है। इसके सदस्यों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं सुप्रीम कोर्ट के जजों के बराबर होती हैं। राजनीतिक हलकों में अब यह बहस छिड़ गई है कि जब देश के सर्वोच्च न्यायालय के जज सरकारी सिडान कारों से चलते हैं, तो फिर लोकपाल जैसी संस्था को इतनी महंगी जर्मन कारों की जरुरत क्यों पड़ी? अब तक लोकपाल की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन चिदंबरम का यह बयान विपक्ष के उस रुख को और मजबूत करता है जिसमें सरकार पर ‘भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची’ के दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया जा रहा है। सिराज/ईएमएस 22अक्टूबर25 -----------------------------------