नई दिल्ली,(ईएमएस)। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत का लग्जरी गुड्स मार्केट 2025 तक 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12.1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जिससे भारत की ग्लोबल लग्जरी मार्केट में एक स्ट्रॉन्ग प्लेयर के रूप में मौजूदगी दर्ज होगी। रिपोर्ट के अनुसार, लग्जरी रिटेल परिदृश्य की पुनर्कल्पना की जा रही है, जहां ब्रांड लेन-देन के दायरे से आगे बढ़कर क्यूरेटेड लाइफस्टाइल अनुभव प्रदान कर रहे हैं। लग्जरी गुड्स मार्केट की वृद्धि में दक्षिण अफ्रीका 15 प्रतिशत, भारत 10 प्रतिशत और संयुक्त अरब अमीरात 9 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अग्रणी देशों में शामिल हैं। रिपोर्ट में बताया गया हैं कि भारत के पूर्वानुमानित अवधि में 74 प्रतिशत की सीएजीआर वृद्धि प्राप्त करने की उम्मीद है, जो लग्जरी इकोसिस्टम में इसके बढ़ते महत्व को दिखाता है। भारत के विकास में योगदान देने वाला प्रमुख कारक धनी व्यक्तियों की बढ़ती संख्या है। 2025 में फिजिकल लग्जरी स्टोर में पर्सनल लग्जरी गुड्स की बिक्री का 81 प्रतिशत हिस्सा रहा, जो इस सेक्टर की मजबूती और व्यक्तिगत जुड़ाव के निरंतर महत्व को दर्शाता है। ग्लोबल लग्जरी मार्केट का मूल्य 2025 में 1.5 ट्रिलियन डॉलर रहा, जो कि निरंतर व्यापक आर्थिक और भू-राजनीतिक व्यवधानों के बावजूद मजबूत बना हुआ है। यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल में लग्जरी गुड्स के लिए ग्लोबल इनसाइट मैनेजर फ़्लूर रॉबर्ट्स ने कहा, बाजार की अनिश्चितता के बीच, उद्योग एक गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जो उत्पाद-केंद्रित मॉडल से अनुभव-संचालित जुड़ाव की ओर बढ़ रहा है। फिजिकल लग्जरी स्टोर विशिष्टता और आतिथ्य के माध्यम से पहचान की अभिव्यक्ति बन रहे हैं। ये वातावरण उच्च-स्तरीय आतिथ्य को दर्शाते हैं। ईविलासिता पर खर्च व्यक्तिगत वस्तुओं से हटकर अनुभव-आधारित श्रेणियों की ओर शिफ्ट हो गया है, जो उपभोक्ता मूल्यों में गहरे बदलावों को दर्शाता है। आशीष दुबे / 22 अक्टूबर 2025