व्यापार
22-Oct-2025


-आरबीआई रिपोर्ट: वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद ग्रोथ रफ्तार रहेगी बरकरार नई दिल्ली,(ईएमएस)। दुनिया भर में मंदी की आहट है, व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत खड़ी है। आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद हमारी ग्रोथ की रफ्तार बरकरार रहेगी और ये सब घरेलू ताकत से हो रहा है। मतलब बाहर की ट्रेड टेंशन चाहे कितनी तेज चलें, हमारा देश आगे बढ़ रहा है। पहली बड़ी राहत महंगाई की है। सितंबर में खुदरा महंगाई जून 2017 के बाद सबसे नीचे आ गई है। ये सब जीएसटी में कटौती के चलते खाने-पीने की चीजों के दाम गिरने से हुआ, लेकिन कोर महंगाई थोड़ी बढ़ी है। इसकी वजह है सोने की कीमत और हाउसिंग, लेकिन कुल मिलाकर महंगाई काबू में है। आरबीआई को ग्रोथ पर फोकस करने का मौका मिल गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉलिसी स्पेस बन गई है यानी ब्याज दरें घटाने की गुंजाइश है। अगर एमपीसी मीटिंग में रेट कट होता है, तो होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सब सस्ते हो जाएंगे। ईएमआई कम होगी, लोग ज्यादा खर्च करेंगे, दुकानें चलेंगी, फैक्टरियां तेज दौड़ेंगी। त्योहारी सीजन में जीएसटी कटौती भी मदद करेगी, चीजें सस्ती होंगी, मांग बढ़ेगी। दूसरी खुशखबरी घरेलू मांग की मजबूती की है। हाई फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स बता रहे हैं कि शहरों में डिमांड वापस लौट आई है, गांवों में तो पहले से दमदार है। कृषि सेक्टर ने कमाल किया, ज्यादा बारिश, खरीफ की बंपर बुवाई, जलाशय रिकॉर्ड लेवल पर, मिट्टी में नमी भरपूर रबी सीजन भी धांसू रहेगा। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों में कंपनियां फ्यूचर को लेकर उत्साहित हैं। ये सब मिलकर अर्थव्यवस्था को बूस्ट देगा। दुनिया भी तारीफ कर रही है, आईएमएफ ने 2025 की जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी अनुमानित की, 20 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर। ओईसीडी ने 6.7 फीसदी, 40 बेसिस प्वाइंट ऊपर। वर्ल्ड बैंक 6.5 फीसदी और आरबीआई की एमपीसी ने 2025-26 के लिए 6.8 फीसदी, 30 बेसिस प्वाइंट बढ़ाकर। मतलब भारत की इकोनॉमी रेसिलिएंट है, यानी मजबूत है। ये रिपोर्ट बताती है कि देश की ताकत अंदर से है, गांव-शहर की मांग, किसान की मेहनत, कारोबारियों का कॉन्फिडेंस। महंगाई कम होने से लोन सस्ते होंगे, खर्च बढ़ेगा, नौकरियां आएंगी। इसके साथ आम आदमी को फायदा भी कई चीजों से होगा जैसे सस्ती ईएमआई, सस्ती चीजें, बेहतर ग्रोथ। सिराज/ईएमएस 22अक्टूबर25