राष्ट्रीय
24-Oct-2025


:: पीएम फसल बीमा योजना में शामिल करने को लेकर कलेक्टर कार्यालय पर हंगामा; अगले दिन मंडी में ₹971/- का उच्चतम भाव :: बुरहानपुर/इंदौर (ईएमएस)। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में केले की कीमतों में आई भारी गिरावट ने किसानों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। महाराष्ट्र सीमा से सटा यह जिला राज्य में केले का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन वर्तमान में किसानों को उनकी फसल का दाम मात्र ₹2-3 प्रति किलोग्राम मिल रहा है। इस गंभीर संकट के विरोध में, 44 वर्षीय किसान किशोर वासनकर ने एक अनूठा और कड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कसम खाई है कि जब तक स्थानीय किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल जाता और उनकी मुख्य मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक वह अपने ऊपरी शरीर पर कोई कपड़ा और पैरों में जूते नहीं पहनेंगे। वासनकर ने इस स्थिति को किसानों के लिए कर्ज में डूबने वाला बताया। :: कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन और हंगामा :: किसानों का गुस्सा गुरुवार, 23 अक्टूबर को तब फूट पड़ा जब बड़ी संख्या में किसानों ने अपने ट्रैक्टरों के साथ बुरहानपुर शहर में विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मुख्य मांग केले की फसल को तत्काल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में शामिल करना है। किसान वासनकर ने आरोप लगाया कि 2018 से बुरहानपुर के केले को योजना से बाहर रखा गया है, जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के किसान इसका लाभ उठा रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय में प्रवेश करने की कोशिश की, जहाँ पुलिस ने उन्हें रोका। इस हाथापाई में कार्यालय के प्रवेश द्वार का शीशा टूट गया। हालांकि, नगर पुलिस अधीक्षक गौरव पाटिल ने बाद में विरोध प्रदर्शन के शांतिपूर्ण समापन की पुष्टि की। :: अगले दिन मंडी में राहत भरी खबर :: किसानों के विरोध के बावजूद, अगले दिन, शुक्रवार 24 अक्टूबर को कृषि उपज मंडी से राहत भरी खबर आई। मंडी सचिव ने जानकारी दी कि आज केले की नीलामी का कार्य सुचारू रूप से संपन्न हुआ। इस नीलामी में, इस सीज़न की सर्वाधिक 70 केला वाहनों का विक्रय हुआ, जिसका उच्चतम भाव ₹971/- प्रति क्विंटल रहा। नीलामी प्रक्रिया पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बोर्ड पर प्रदर्शित की गई और इसका सीधा प्रसारण भी किया गया। उच्च प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में यह नीलामी संपन्न हुई। किसानों के इस विरोध और नीलामी में उच्चतम भाव की खबर ने अब सरकारी हस्तक्षेप की मांग को और तेज कर दिया है, ताकि किसानों को लगातार उचित मूल्य और बीमा सुरक्षा मिल सके। प्रकाश/24 अक्टूबर 2025