नई दिल्ली (ईएमएस)। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे सीरीज में कंगारू टीम ने पहले दोनों मैच जीतकर सीरीज पर कब्जा जमा लिया है। इस सीरीज में सबसे ज्यादा चर्चा विराट कोहली की खराब फॉर्म को लेकर हो रही है। दो मैचों के बाद कोहली के बल्ले से एक रन तक नहीं निकला है, जिससे उनके लिए टीम में जगह बनाना चुनौतीपूर्ण होता नजर आ रहा है। कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर के लिए यह स्थिति सोचने वाली है, क्योंकि विराट कोहली की पिछली चैंपियंस ट्रॉफी में 5 मैचों में 218 रन की औसत 54 रही थी और वह टॉप-5 रन बनाने वालों में शामिल थे। विश्लेषकों के मुताबिक, विराट कोहली की फॉर्म गिरने के पीछे तीन प्रमुख कारण हैं। पहला कारण उनका तकनीकी अंतर और धीमे रिफ्लेक्सेस हैं। पहले ऑफ स्टंप के बाहर गेंदों को सहजता से खेलने वाले कोहली अब उसी लाइन पर झिझकते दिखाई दे रहे हैं। उनके बैट स्विंग में पहले जैसी सटीकता नहीं रही, जिससे इनस्विंग डिलीवरी पर पैड या ऑफ एज बार-बार निशाना बन रही है। धीमे रिफ्लेक्सेस और समयिंग की कमी ने उन्हें न तो ऑफ पर ड्राइव खेलने दिया और न ही अंदर आती गेंद रोकने की क्षमता दी। अब कोहली को तकनीकी के साथ-साथ मानसिक रूप से भी संघर्ष करना पड़ रहा है। दूसरा कारण प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूरी है। विराट वर्तमान में केवल वनडे क्रिकेट में सक्रिय हैं। पिछले साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया और हाल ही में टेस्ट क्रिकेट से भी संन्यास का ऐलान कर दिया। ऐसे में 50 ओवर के प्रतिस्पर्धी मैचों की कमी ने उनकी मैच रिफ्लेक्स और फॉर्म पर असर डाला है। तीसरा कारण साइडलाइन होने का मानसिक दबाव है। रोहित शर्मा की कप्तानी छीने जाने के विवाद के बाद कोच और सेलेक्टर ने साफ कर दिया कि विश्व कप 2027 के लिए टीम का फोकस कुछ अन्य सीनियर खिलाड़ियों पर होगा। यह जानकर कि उन्हें नियमित अवसर कम मिलेंगे और टीम प्रबंधन लगातार नजरअंदाज कर रहा है, कोहली पर मानसिक दबाव बढ़ गया है। इन सभी वजहों का परिणाम यह है कि विराट कोहली की बल्लेबाजी अब पूर्ववत नहीं दिख रही। अनुभव और जिद उनके सबसे बड़े हथियार हैं, लेकिन फॉर्म लौटाने के लिए उन्हें तकनीकी सुधार के साथ मानसिक मजबूती की भी जरूरत होगी। डेविड/ईएमएस 25 अक्टूबर 2025