ज़रा हटके
27-Oct-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि करेले की पत्तियां भी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में इन पत्तियों का साग बड़े चाव से खाया जाता है, जो इनके पारंपरिक उपयोग और औषधीय महत्व को दर्शाता है। कड़वे स्वाद के लिए मशहूर करेला न सिर्फ सब्जी के रूप में, बल्कि अपने औषधीय गुणों की वजह से भी जाना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, करेले की पत्तियों में ऐसे प्राकृतिक यौगिक पाए जाते हैं जो इंसुलिन की तरह काम करते हैं। ये शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं और डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। नियमित रूप से इन पत्तियों का सेवन करने से कोशिकाएं ग्लूकोज का बेहतर उपयोग कर पाती हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर संतुलित रहता है। करेले की पत्तियां पाचन तंत्र के लिए भी बेहद उपयोगी मानी जाती हैं। इनमें मौजूद फाइबर कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है और पेट को साफ रखता है। यह आंतों की गति को सामान्य बनाकर पाचन क्रिया को सुचारु रखता है। जब भोजन का पाचन बेहतर होता है, तो शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण भी अधिक प्रभावी ढंग से होता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है। इन पत्तियों का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इनमें आयरन और फॉलिक एसिड की प्रचुरता होती है। ये दोनों तत्व हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं। इसलिए एनीमिया यानी खून की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए करेले की पत्तियां एक प्राकृतिक उपचार साबित हो सकती हैं। इसके साथ ही, इनमें मौजूद विटामिन-ए, विटामिन-सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और कई तरह के संक्रमणों से बचाव करते हैं। करेले की पत्तियों को अपने भोजन में शामिल करना भी बेहद आसान है। इन्हें बारीक काटकर प्याज, लहसुन और हल्के मसालों के साथ साग के रूप में पकाया जा सकता है। स्वाद भले ही थोड़ा कड़वा हो, लेकिन स्वास्थ्य लाभ इसके आगे कहीं ज्यादा हैं। कुछ लोग इसका रस निकालकर भी पीते हैं, हालांकि साग बनाकर खाना एक स्वादिष्ट और पौष्टिक विकल्प माना जाता है। उपयोग से पहले पत्तियों को अच्छी तरह धो लेना जरूरी है, ताकि उनमें मौजूद धूल-मिट्टी या कीटाणु पूरी तरह साफ हो जाएं। सुदामा/ईएमएस 27 अक्टूबर 2025