नई दिल्ली,(ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरणविद और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की नजरबंदी को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन से जवाब मांगा है। यह याचिका वांगचुक की पत्नी द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उनके खिलाफ की गई कार्रवाई को मनमाना और असंवैधानिक बताया गया है। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को तय की है। फिलहाल वांगचुक राजस्थान के जोधपुर स्थित केंद्रीय कारागार में बंद हैं। उन्हें 26 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। वांगचुक की गिरफ्तारी लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद हुई थी। इन प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत और 90 से अधिक लोग घायल हुए थे। प्रशासन ने उन पर भीड़ को भड़काने और हिंसा उकसाने का आरोप लगाया था। वहीं, वांगचुक के समर्थकों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से पर्यावरण संरक्षण और संवैधानिक अधिकारों की मांग कर रहे थे। अदालत ने अब इस मामले में केंद्र और लद्दाख प्रशासन दोनों से विस्तृत हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हिदायत/ईएमएस 29अक्टूबर25