अंतर्राष्ट्रीय
30-Oct-2025
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सिडनी (ईएमएस)। आस्ट्रेलिया के रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरएमआईटी) के वैज्ञानिकों ने ऐसे सूक्ष्म धातु कण तैयार किए हैं जो सीधे कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। यह तकनीक कैंसर उपचार में एक बड़ी क्रांतिकारी उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि अब तक के अधिकांश उपचार जैसे कीमोथेरेपी और रेडिएशन स्वस्थ कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाते हैं। यह अध्ययन अभी शुरुआती चरण में है और फिलहाल प्रयोगशाला में केवल कोशिकाओं पर परीक्षण किया गया है। इंसानों या जानवरों पर इसका परीक्षण अभी नहीं हुआ है। आरएमआईटी की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने इन सूक्ष्म कणों को “नैनोडॉट्स” नाम दिया है, जो मोलिब्डेनम ऑक्साइड नामक यौगिक से बने हैं। मोलिब्डेनम एक दुर्लभ धातु है, जिसका उपयोग आमतौर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और मिश्र धातुओं में किया जाता है। वैज्ञानिकों ने इन नैनोडॉट्स की रासायनिक संरचना में बदलाव करके उन्हें इस तरह तैयार किया कि वे रिएक्टिव ऑक्सीजन मॉलिक्यूल्स छोड़ सकें। ये ऑक्सीजन के अस्थिर अणु होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और उन्हें स्वयं नष्ट होने पर मजबूर कर देते हैं। इस अध्ययन में बताया गया है कि प्रयोगशाला परीक्षणों में इन नैनोडॉट्स ने केवल 24 घंटे में सर्वाइकल कैंसर की कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना में तीन गुना अधिक प्रभाव से नष्ट किया। दिलचस्प बात यह है कि इस तकनीक को किसी भी प्रकाश या बाहरी ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता नहीं पड़ी। आमतौर पर ऑक्सीडेटिव तकनीकें प्रकाश-आधारित होती हैं, लेकिन इस नई खोज ने बिना किसी अतिरिक्त उपकरण के ही असर दिखाया। अध्ययन की प्रमुख लेखिका और आरएमआईटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की शोधकर्ता झांग बाओयुए ने बताया कि कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं की तुलना में पहले से ही अधिक तनाव की स्थिति में रहती हैं। नैनोडॉट्स इस तनाव को और बढ़ा देते हैं, जिससे कैंसर कोशिकाएं स्वयं नष्ट हो जाती हैं। दूसरी ओर, स्वस्थ कोशिकाएं इस अतिरिक्त तनाव को झेल लेती हैं, जिससे उन्हें कोई गंभीर नुकसान नहीं होता। झांग के अनुसार, यह तकनीक केवल कैंसर कोशिकाओं में ही ऑक्सीडेटिव तनाव उत्पन्न करती है, जिससे यह अधिक सटीक और सुरक्षित साबित होती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक भविष्य में कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक सस्ता और प्रभावी विकल्प बन सकती है। नैनोडॉट्स महंगी या विषैली धातुओं से नहीं, बल्कि सस्ते धातु ऑक्साइड से तैयार किए गए हैं, जिससे उनका उत्पादन कम लागत में संभव है। सुदामा/ईएमएस 30 अक्टूबर 2025