प्रतिदिन हो रहा ७० लीटर दूध का उत्पादन, छिंदवाड़ा (ईएमएस)। पशुपालन के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर बिछुआ के ग्राम आमाकुही निवासी रामु पाठे पशुपालन कार्य के लिए क्षेत्र में मिसाल बन गए हैं। उनके पास वर्तमान में 11 दुधारू पशु हैं, जिनमें 3 मुर्रा भैंसे, 3 एच.एफ. संकर गाय, 3 साहिवाल तथा 2 गिर नस्ल की गायें शामिल हैं। इन उच्च नस्ल के पशुओं से वे प्रतिदिन लगभग 70 लीटर दूध का उत्पादन कर ग्राम स्तर पर दुग्ध संकलन का कार्य भी संचालित कर रहे हैं। श्री पाठे ने पशुपालन के क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने पशुओं के गर्भाधान के लिये सेक्स सोर्टेड सीमन का उपयोग किया, जिससे संकर नस्ल की बछिया का जन्म हुआ। पशुपालक द्वारा निरंतर सेक्स सोर्टेड सीमन का प्रयोग किया जा रहा है, जिससे उच्च नस्ल के पशुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। पशु पोषण के लिए वे नेपियर घास, टीएमआर एवं चाफ कटर का उपयोग करते हैं, साथ ही गोबर गैस प्लांट स्थापित कर जैविक ऊर्जा का भी सदुपयोग कर रहे हैं। योजना के अंतर्गत उन्हें प्रति पशु 110 रुपये की दर से वित्तीय सहायता भी प्राप्त हुई है। दूध से कमाते है ८० हजार रूपए प्रतिमाह योजना से जुड़ने से पहले रामु पाठे की आर्थिक स्थिति सीमित थी, उनके पास स्थानीय नस्ल के पशु थे, जिनसे दूध उत्पादन बहुत कम होता था। परंतु योजना में शामिल होने के बाद उच्च नस्ल के पशुओं के माध्यम से उनके दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। आज उनकी मासिक आय लगभग 80,000 रुपये तक पहुँच गई है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि सामाजिक स्तर में भी सुधार आया है। ईएमएस/मोहने/ 02 नवंबर 2025