*अनेक वर्षों से बंद है क्रिकेट प्रतियोगिता* सिहोरा (ईएमएस)। एक तरफ सरकार पारंपरिक खेलों एवं प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का दावा कर रही है वहीं धरातल पर खिलाडिय़ों के लिए कोई सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। सिहोरा में खेल मैदान के नाम पर दो-दो स्टेडियम होने का नगर की पालक संस्था दावा करती है लेकिन इन तथाकथित स्टेडियम में सुविधाओं के नाम पर चाहर दीवारी में कैद भूखंड के अलावा कुछ नहीं है। *खिलाडिय़ों को नहीं मिल रहा आगे बढऩे का मौका* खेल मैदान के अभाव में खिलाडिय़ों को आगे बढऩे का मौका नहीं मिल पा रहा है। छात्र- छात्रा सडक़ों पर अभ्यास करके भी प्रदेश स्तर पर नगर का नाम गौरवान्वित कर रहे हैं। वही खेल मैदान नहीं होने से बहुत बार प्रतिभाशाली खिलाड़ी खेलों से पीछे हट जाते हैं। खेल मैदान का अभाव पिछले काफी सालों से ग्रामीण खिलाडिय़ों के लिए विकट समस्या बना हुआ है। खेल मैदान को लेकर युवाओं ने अपने स्तर पर प्रयास जारी कर रखे हैं। लेकिन उनको कहीं सफलता हासिल होती दिखाई नहीं पड़ रही। खेल मैदान को लेकर समय-समय पर युवाओं ने आवाज उठाई और जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी मांग की । लेकिन आज तक किसी प्रकार की कोई सुनवाई नही हुई। *अरुणाभ घोष मेमोरियल स्टेडियम* नगर के मध्य एवं प्रमुख शैक्षणिक संस्थाओं के निकट अरुणाभ घोष मेमोरियल स्टेडियम विगत कई वर्षों से अपने विस्तार की बाट जो रहा है उल्लेखनीय है आकार एवं क्षेत्रफल की दृष्टि से संकीर्ण होने के कारण स्टेडियम 26 जनवरी 15 अगस्त के सांस्कृतिक प्रोग्राम के आयोजन तक सीमित रह गया है। क्रिकेट प्रेमियों द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित शासन प्रशासन के नुमाइंदों से अनेकों बार गुहार लगाने के बाद भी स्टेडियम की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराकर विस्तारित नहीं किया जा सका। जबकि नगर की पालक संस्था के पास अरुणाभ घोस स्टेडियम के विस्तार का पूरा प्रारूप तैयार है। स्टेडियम के पीछे बसी बसाहट को अन्यत्र स्थानांतरित करने तत्कालीन विधायक नंदनी मरावी के समय बकायदा कब्जाधारियों के पट्टे भी तैयार कर लिए गए थे किंतु दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी प्रतिभाओं पर भारी पड़ रही है। *बारी बहू स्टेडियम खितौला* नगर पालिका क्षेत्र के 7 वार्डों की आबादी सहित उपनगर खितौला का एकमात्र खेल मैदान बारी बहू स्टेडियम भी चारदीवारी में कैद होकर रह गया है। सुविधाओं के नाम पर गाजर घास का जंगल एवं पथरीली कंकड़ युक्त मैदान खिलाडिय़ों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। जिसमें इस समय पानी भरा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्व सुविधा युक्त एवं आकर्षक स्टेडियम का निर्माण कराया गया है किंतु कुशल नेतृत्व के अभाव में तहसील स्तर की प्रतियोगिताओं हेतु नगर सर्व सुविधा युक्त स्टेडियम से आज भी वंचित है। *कई वर्षों से नहीं हो रहा क्रिकेट टूर्नामेंट* स्वर्गीय अरुणाभ घोस मेमोरियल स्टेडियम में होने वाला क्रिकेट टूर्नामेंट मैं जबलपुर जिले के अलावा आसपास के जिले की टीम भी हिस्सा लेकर अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करती थी किंतु विगत कुछ वर्षों से मैदान के पीछे अवैध बसाहट के चलते क्रिकेट टूर्नामेंट नहीं हो पा रहा जिसके कारण खिलाडिय़ों में गहरी हताशा व्याप्त है। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थाओं की वार्षिक क्रीड़ा प्रतियोगिता के अलावा तहसील स्तरीय प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता था लेकिन स्टेडियम की कमी के चलते दुर्दशा की शिकार खेल मैदान में प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। क्रिडा़ प्रेमियों ने मांग की है कि तथाकथित खेल मैदान के विस्तारीकरण मात्र से प्रतिभाओं को उचित सुविधा नहीं मिल सकेगी खेल गतिविधियां एवं खिलाडिय़ों को बढ़ावा देने नगर में सर्व सुविधा युक्त स्टेडियम का निर्माण कराया जाए। ईएमएस/मोहने/ 02 नवंबर 2025