मुम्बई (ईएमएस)। महिला विश्वकप क्रिकेट फाइनल में शानदार प्रदर्शन करने वाली शैफाली वर्मा ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा साबित की है। शैफाली ने इस विश्वकप से शानदार वापसी भी की है क्योंकि शुरुआत में वह 15 सदस्यीय टीम में भी शामिल नहीं थी। सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद शैफाली को मौका मिला और उन्होंने इस अवसर का पूरा लाभ उठाया। शैफाली ने गेंद और बल्ले दोनो में ही शानदार प्रदर्शन कर अपने चयन को सही साबित किया। वह भारत की सबसे कम 15 साल की उम्र में टी20 अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाली खिलाड़ी बनीं थी। उनकी निडर बल्लेबाजी स्टाइल की तुलना वीरेंद्र सहवाग से जाती रही है पर लय खोने के कारण वह टीम से बाहर हो गयीं थीं। पिछले साल व्हाइट-बॉल टीमों से बाहर किए जाने के बाद शैफाली ने घरेलू क्रिकेट से लय हासिल की। विश्कप के लिए बुलाए जाने से पहले उसने घरेलू सत्र में सबसे अधिक रन बनाये थे। हरमनप्रीत ने भी माना कि शफाली का टीम में शामिल होना किसी दैवीय चमत्कार जैसा लगा। कप्तान ने कहा, यह सब किस्मत है। हम नहीं चाहते थे कि उसे रिप्लेसमेंट जैसा महसूस हो और उसने दिखाया कि क्यों। 21 साल की उम्र में, शफाली के नाम कई रिकार्ड हैं। गिरजा/ईएमएस 04 नवंबर 2025