क्षेत्रीय
04-Nov-2025
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रायपुर(ईएमएस)। कोयला मंत्रालय द्वारा देशभर में निजी कंपनियों के कमर्शियल यूज के लिए कोल ब्लॉकों की नीलामी की घोषणा के खिलाफ छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रदेश के जैव विविधता वाले अति संवेदनशील क्षेत्रों की खदानों को नीलामी सूची में शामिल कर रही है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार के दौरान अब तक 12 चरणों में कोल ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है। केंद्र सरकार ने कोल बेयरिंग एक्ट और वन अधिकार अधिनियम में ऐसे संशोधन किए हैं, जो आदिवासियों के हितों के प्रतिकूल हैं। वर्मा के अनुसार, कोल माइंस स्पेशल प्रोविज़न एक्ट (CMSP) और माइंस एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट (MMDR) के तहत अलग-अलग नीलामी की जा रही है, ताकि सरकारी उपक्रमों जैसे कोल इंडिया और एसईसीएल के अधिकार घटाकर निजी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जा सके। वर्मा ने बताया कि रायगढ़ जिले के नवागांव ईस्ट और नवागांव वेस्ट कोल ब्लॉक सहित चार खदानों की नीलामी की जा रही है। इनमें से कई लेमरू एलीफेंट रिजर्व क्षेत्र में आते हैं, जो हाथियों के विचरण क्षेत्र हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में माइंस विकसित करने से न केवल पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ेगा बल्कि वन्यजीवों और ग्रामीणों के जीवन पर भी गंभीर असर पड़ेगा। नीलामी प्रक्रिया के तहत 24 से 29 नवंबर के बीच इन खदानों का इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन किया जाएगा। देशभर के 41 ब्लॉकों में से 15 कोयला खदानें अकेले छत्तीसगढ़ में नीलाम की जा रही हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ की खनिज संपदाओं को लूटने की होड़ मच गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण से पहले ही हसदेव अरण्य के जंगलों की कटाई शुरू कर दी गई। रायगढ़ के तमनार क्षेत्र में वन अधिकार अधिनियम के तहत मिली भूमि को अडानी समूह को सौंप दिया गया। बीजापुर में कोरंडम खदान के लिए बिना पर्यावरणीय अनुमति के जंगल काट दिए गए। बैलाडीला की तीन खदानें और कांकेर जिले की आयरन ओर खदानें भी निजी हाथों में सौंप दी गई हैं। वर्मा ने कहा कि अब सरकार छत्तीसगढ़ के फेफड़े कहे जाने वाले हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला, कोरबा और रायगढ़ क्षेत्र के 15 नए कोल ब्लॉकों को निजी पूंजीपतियों के हवाले करने जा रही है, जिससे लाखों पेड़ कटेंगे और प्रदेश की हरियाली उजड़ जाएगी। सत्यप्रकाश(ईएमएस)04 नवम्बर 2025