रायपुर,(ईएमएस)। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में जांच और इलाज नहीं हो पा रहा। प्रदेश नकली दवाओं का केंद्र बन चुका है, राजधानी सहित सभी मेडिकल कॉलेजों में, हर सरकारी अस्पताल में लगातार नकली दवाएं मिल रही है। मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा, मेकाहारा जैसे अस्पताल में एक बेड पर दो प्रसूता को बच्चों के साथ लिटाया जा रहा। स्वास्थ्य मंत्री व्यवस्था सुधारने के बजाय उस पर पर्दा डालने में लगे है। श्री बैज ने कहा कि दवा के नाम पर ज़हर दिया जा रहा है, नकली अमानक, गुणवत्ताहीन, फंगस लगे दवा का वितरण मरीजों को किया जा रहा है, इतने गंभीर विषय पर यह सरकार गंभीर नहीं है, अब तक न किसी की जिम्मेदारी तय की गई, न ही कोई कार्यवाही हुई। छोटे-छोटे बच्चों को जो कृमि की जो दवाइयां खिलाई गई हैं, जांच में अमानक पाया गया, डायरिया पीड़ित मरीजों को दी गई दवाओं में फंगस मिला, कई एंटीबायोटिक दवाओं से मरीजों को एलर्जी हो रही है, गर्भवती महिलाओं और माताओं को बांटी गई आयरन, सल्फेट और फोलिक एसिड की दवाएं गुणवत्ताहीन पाई गई। सरकारी अस्पतालों में फफूंद लगे ग्लूकोस बोतल चढ़ाने से मरीजों की तबियत खराब हो रही है। पेरासिटामोल से लेकर सर्जिकल ब्लेड तक, एल्बेंडाजोल से लेकर प्रेगनेंसी कीट तक अमानक निकले। यह सरकार उन दवाओं के उपयोग को लेकर मात्र एडवाइजरी जारी करके अपने जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहती है। उन्होंने कहा कि जिन दवा कंपनियों के उत्पादों पर देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिबंध लगा है, उन्हीं कंपनियों की लगभग वही दवाइयां प्रदेश में धड़ल्ले से बिक रही है। सरकार बताए कि डॉक्टरों की शिकायत के बाद भी सप्लायर कंपनियों पर कोई कार्यवाही अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई? आखिर गुणवत्ताहीन दवाओं के सप्लायरों को किसका संरक्षण है? कब तक मरीजों के जान से खिलवाड़ होता रहेगा? श्री बैज ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री के मिलीभगत या लापरवाही के बिना अस्पतालों में गुणवत्ताविहीन दवाएं नहीं पहुंच सकती। गलती एक या दो जगह हो सकती है, लगातार हर अस्पताल में नकली अमानक दवाएं मिलना बड़े घोटाले की ओर इशारा करते है। पूरे मामले की जांच की जाए और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को तत्काल पद से हटाया जाए। सत्यप्रकाश/चंद्राकर/04 नवम्बर 2025