-कहा- यह कोर्ट के विवेक को झकझोरता है, अब कुछ करना ही होगा नई दिल्ली,(ईएमएस)। महादेव सट्टेबाजी ऐप से 6000 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी करने के आरोपी रवि उप्पल के दुबई से भागने पर देश की सबसे बड़ी अदालत ने नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी सट्टेबाजी ऐप के को-फाउंडर रवि उप्पल का पता लगाने और उसे गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सफेदपोश अपराध के आरोपियों के लिए अदालतों और जांच एजेंसियों को खिलौना बनने नहीं दिया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने आरोपी उप्पल के कानून से बचने पर नाराजगी जताई और कहा कि यह कोर्ट के विवेक को झकझोरता है, अब कुछ करना होगा। बताया जाता है कि भारत में प्रवर्तन एजेंसियों से बच रहा उप्पल दुबई से किसी अज्ञात स्थान पर छिप गया है, जिसकी वजह से यूएई प्राधिकारियों ने उसकी प्रत्यर्पण प्रक्रिया रोक दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधियों के लिए अदालतें और एजेंसियां खिलौना नहीं हैं। ईडी उसे जल्द खोजे और गिरफ्तार करे। सुप्रीम कोर्ट ने उप्पल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 22 मार्च के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने उसे रायपुर की निचली अदालत में लंबित धन शोधन मामले की सुनवाई में शामिल होने का निर्देश दिया था। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने न्यायालय को बताया कि उप्पल 2023 में दुबई में हिरासत में था लेकिन अब वहां से भाग गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आर्थिक अपराधी अक्सर उन देशों में छिप जाते हैं जिनसे भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है, जैसे ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर तय की है, क्योंकि उसके वकील ने समय मांगा था। पीठ ने वकील से कहा था कि वह उप्पल को भारत लौटने और कार्यवाही का सामना करने के लिए राजी करें। उप्पल को दिसंबर 2023 में इंटरपोल नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में उसे निगरानी में रिहा कर दिया गया। ईडी का कहना है कि उप्पल और उसके साथी सौरभ चंद्राकर ने 2018 में महादेव सट्टा ऐप शुरू किया था, जिसके जरिए अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी होती थी। एजेंसियों के मुताबिक यह घोटाला करीब 6,000 करोड़ का है और कई राज्यों तक फैला है। चंद्राकर को अक्टूबर 2024 में दुबई में गिरफ्तार किया गया और उसका प्रत्यर्पण अनुरोध अभी लंबित है। यह मामला पहले छत्तीसगढ़ पुलिस के पास था, जिसने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया था। बाद में जांच सीबीआई को सौंप दी। सिराज/ईएमएस 05नवंबर25