क्षेत्रीय
05-Nov-2025
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बुरहानपुर (ईएमएस)। पावर लूम बीडी और साइजिंग प्रोसेस की इस नगरी में दमदार मजदूर नेता नहीं होने और इन उद्योगपतियों की डिवाइड एंड रूल पॉलिसी के चलते यहां का मजदूर अपने को असाहय महसूस कर उद्योगपतियों की कठपुतली बना हुआ है और इसी के चलते दशकों से यहां का मजदूर गरीबी और भुखमरी में जीने को मजबूर है उद्योग नगर की साइजिंग और प्रोसेस के मजदूरों का मामला हो या फिर बुरहानपुर के पावर लूम पर कपड़ा बुनने वाले अर्ध कुशल श्रमिकों की बात हो या फिर घर पर बीड़ी बनाने वाले मजदूरों का मामला हो इन्हें शासन के निर्देशों के अनुसार मजदूरी नहीं मिल पाती है मजदूरी बढ़ोतरी को लेकर समय-समय पर आंदोलन तो होते हैं लेकिन कुशल नेतृत्व के अभाव में यह आंदोलन बीच में ही विफल हो जाते हैं वर्तमान में बुरहानपुर के उद्योग नगर से जुड़े साइजिंग और प्रोसेस के मजदूरों की मजदूरी बढ़ोतरी को लेकर सप्ताह भर आंदोलन चला जिसमें मजदूर नेताओं के नेतृत्व में मजदूरों ने प्रशासन के साथ सांसद और विधायक के घरों पर पहुंचकर बड़ी हुई मजदूरी दिलाए जाने ज्ञापन दिया गया इसके साथ ही मजदूरों ने अपने आंदोलन को गति देकर शहर में मोटरसाइकिल रेलिया का आयोजन कर प्रशासन और उद्योगपतियों को जागने का प्रयास किया जिसके चलते मजदूर उनके नेताओं और टेक्सटाइल प्रोसेस के जिम्मेदारों की बैठक प्रशासन के साथ हुई तो पता चला कि शासन के द्वारा साइजिंग और प्रोसेस के मजदूरों की मजदूरी बढ़ोतरी तो की गई थी लेकिन उद्योगपतियों ने इस बढ़ोतरी के खिलाफ न्यायालय से स्थगन प्राप्त कर पुरानी मजदूरी का भुगतान कर रहे थे आंदोलन करने वाले नेताओं ने आंदोलन से पूर्व इस संबंध में कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं की साइजिंग और प्रोसेस के मजदूरों की हड़ताल करा कर उन्हें बेरोजगार किया बैठक में खुलासा होने के बाद मजदूर नेताओं को अपनी हड़ताल समाप्त करनी पड़ी और मजदूर सप्ताह भर बाली का बकरा बन नेताओं की नेतागिरी चमकाने के चक्कर में खुद आर्थिक रूप से पिछड़ गए इसके साथ ही शहर के पावर लूम बंद होने से अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा बुरहानपुर पावर लूम साइजिंग प्रोसेस और बीड़ी मजदूरों का शहर है लेकिन यहां के मजदूरों का दुर्भाग्य है कि उन्हें दशकों के बाद भी कोई ऐसा मजबूत नेता नहीं मिला जो उन्हें समय-समय पर उनका हक दिला सके! अकील आजाद/ईएमएस/05/11/2025