राज्य
05-Nov-2025


नोएडा (ईएमएस)। ग्रेटर नोएडा के जिम्स को एसजीपीजीआई लखनऊ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। माना जा रहा है कि इससे कई जिलों के लोगों को कैंसर, मस्तिष्क और गुर्दे की जटिल बीमारियों के इलाज की सुविधा मिल सकेगी। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) को एसजीपीजीआई लखनऊ की तर्ज पर सुपरस्पेशलिटी संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां कैंसर, मस्तिष्क, नस और गुर्दे समेत बच्चों की जटिल सर्जरी समेत कई गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा मिल सकेगी। मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में मंगलवार को लखनऊ में हुई संस्थान की दसवीं शासी निकाय की बैठक में यह फैसला लिया गया। संस्थान में कैंसर समेत गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए नए सुपरस्पेशलिटी पाठ्क्रमों को मंजूरी दी गई। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में मेडिकल आन्कोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन में पाठ्यक्रम शुरू होंगे। अगले वर्ष तक इन पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है। इसके साथ ही नियोनेटोलॉजी (नवजात शिशु), पेन मेडिसिन, एनेस्थीसिया, डेंटल सर्जरी और क्रिटिकल केयर में फेलोशिप कार्यक्रम भी शुरू होंगे। दावा है कि गंभीर बीमारियों से जुड़े ये कोर्स शुरू करने वाला जिम्स गौतमबुद्ध नगर का पहला संस्थान होगा। फिलहाल मेरठ, आगरा और लखनऊ के मेडिकल कॉलेजों में यह पाठ्यक्रम जारी हैं। जीबीयू परिसर में 56 एकड़ में विकसित हो रहे मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये भी मंजूर किए गए। बैठक में अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष, जिम्स की उपाध्यक्ष अपर्णा यू, विशेष सचिव समीर कुमार, पीजीआइसीएच के निदेशक डॉ. एके सिंह, केजीएमयू के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी, जिम्स सीएमएस डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, जिम्स डीन अकादमिक डॉ. रंभा पाठक आदि मौजूद रहे। अजीत झा/ देवेन्द्र/नई दिल्ली/ईएमएस/05/नवंबर/2025