-रिटायरमेंट ने रोकी मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त की विजिट भोपाल (ईएमएस)। राजधानी में मेट्रो के संचालन की तैयारी साल 2023 से चल रही है लेकिन यहां के रहवासियों को भोपाल मेट्रो की सुविधा अब तक नहीं मिल पाई है। लोगों को मेट्रो का पटरी पर उतरने का इंतजार है। राज्य सरकार ने इसे अक्टूबर में चलाने का दावा किया था, लेकिन अब तक मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) की विजिट ही पूरी नहीं हुई है। इधर एक विजिट करने के बाद सीएमआरएस जनक कुमार गर्ग को दूसरी बार मेट्रो स्टेशनों की विजिट के लिए आना था लेकिन 31 अक्टूबर को उनका रिटायरमेंट होने की वजह से अब नए सीएमआरएस के आने के बाद ही मेट्रो स्टेशनों का निरीक्षण होगा। वहीं अभी मेट्रो स्टेशनों में कई अधूरे काम बचे हुए हैं। ऐसे में भोपाल मेट्रो का संचालन अब अगले साल तक ही संभव होगा। मेट्रो के संचालन से पहले कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी की टीम 2 बार निरीक्षण करती है। पहली बार सीएमआरएस की टीम मेट्रो कॉरिडोर और रैक का मुआयना करते हैं। इसके बाद दूसरी बार टीम मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण करने आती है। भोपाल मेट्रो के लिए अभी सीएमआरएस की टीम ने कॉरिडोर और मेट्रो की रैक का निरीक्षण कर लिया है। मेट्रो रैक और ट्रैक के कार्याे को लेकर संतोष भी जताया है। हालांकि अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। क्योंकि अभी मेट्रो स्टेशन का सीएमआरएस विजिट होना है। इसके बाद दोनों रिपोर्ट साथ आएगी। अधिकारियों ने अक्टूबर में किया था दावा बता दें कि सीएमआरएस की टीम बीते 24 और 25 सितंबर को ही मेट्रो कॉरिडोर और रैक की टेस्टिंग पूरी कर चुकी है। अब दूसरी बार अक्टूबर के पहले हफ्ते में सीएमआरएस की टीम को मेट्रो स्टेशन की विजिट के लिए आना था। लेकिन दीपावली की वजह से सीएमआरएस के निरीक्षण की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल के अधिकारियों का दावा था कि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह तक सीएमआरएस की दूसरी विजिट भी पूरी हो जाएगी। जिसके बाद दोनों रिपोर्ट एक साथ मिल जाएंगी। लेकिन रिपोर्ट तो दूर सीएमआरएस के दूसरे चरण का निरीक्षण भी नहीं हो पाया। भोपाल मेट्रो के लिए करना होगा इंतजार इंदौर में मेट्रो का काम भोपाल के बाद शुरू हुआ था लेकिन इंदौर में बीते 31 मई 2025 से मेट्रो का कॉमर्शियल रन शुरू हो गया है। शहरवासी मेट्रो की यात्रा का आनंद ले रहे हैं। लेकिन भोपाल मेट्रो का प्रोजेक्ट काफी पीछे चल रहा है। अभी सीएमआरएस की टीम को भोपाल मेट्रो के स्टेशनों का निरीक्षण करना है। यदि इसमें कुछ त्रुटि नजर आती है, तो उसे सुधारने के निर्देश भी दिए जा सकते हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तब भी सीएमआरएस की रिपोर्ट के लिए आखिरी नवंबर तक इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं सुभाष नगर डिपो से एम्स साकेत नगर तक करीब 6।2 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर में 5 स्टेशनों का काम पूरा हो गया है, लेकिन अलकापुरी, एम्स और रानीकमलापति मेट्रो स्टेशन का काम चल रहा है। इसमें अभी 1 महीने से अधिक का समय लगना है। ऐसे में अधिकारियों की मानें तो भोपाल मेट्रो का संचालन नए साल में ही संभव हो सकेगा। प्रायोरिटी कॉरिडोर बनकर तैयार मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के एमडी एस कृष्णा चैतन्य ने बताया कि जिस प्रायोरिटी कॉरिडोर में मेट्रो का संचालन होना है, वह पूरी तरह बनकर तैयार है। इस रूट पर 8 मेट्रो स्टेशन भी बनाए जा चुके हैं। इनमें क्रमश: रानी कमलापति, सुभाष नगर, केंद्रीय विद्यालय, डीबी माल, एम्स, अलकापुरी और डीआरएम ऑफिस मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। हालांकि अभी कुछ स्टेशनों पर फिनिशिंग का काम चल रहा है। अब केवल कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी का निरीक्षण बाकी है। जैसे ही नए सीएमआरएस पद ग्रहण करेंगे। इसके बाद भोपाल मेट्रो के स्टेशनों का निरीक्षण करने भोपाल पहुंचेंगे।