05-Nov-2025
...


:: किस्तों की जमापूंजी से गीता ने खोली किराना दुकान, सारिका ने खरीदी सिलाई मशीन; आर्थिक सहयोग से परिवार की बदल दी दशा :: इंदौर (ईएमएस)। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना केवल एक सरकारी सहायता नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की चाबी बन गई है। इस बात को महू और इंदौर की दो महिलाओं गीताबाई और सारिका वर्मा ने सच कर दिखाया है। उन्होंने योजना की मासिक किस्तों को खर्च करने के बजाय जमापूंजी में बदला और उसी पूंजी को अपने ही वार्ड व चाल में सफल स्वरोजगार स्थापित करने के अवसर में बदल दिया है। इस साहसिक पहल से दोनों बहनों के जीवन में अब सकारात्मक बदलावों की लहर दौड़ रही है। :: जमापूंजी से गीता बनीं किराना क्वीन :: महू तहसील के हासलपुर वार्ड 13 निवासी गीताबाई ने जून 2023 से प्राप्त धनराशि को बड़ी समझदारी से एकत्रित किया। उनकी यह जमापूंजी जल्द ही ₹30,750 तक पहुँच गई। इसी मजबूत पूंजी के सहारे गीताबाई ने अपने क्षेत्र में एक छोटी-सी किराना दुकान शुरू कर दी। आत्मविश्वास से भरी गीताबाई बताती हैं: अब मेरी आर्थिक स्थिति में ज़बरदस्त सुधार आया है। किराना दुकान से होने वाली आमदनी ने मेरी जिंदगी बदल दी है। चार बच्चों का पालन-पोषण अब अच्छे से हो रहा है, और सबसे बड़ी खुशी यह है कि मैं हर कार्य में अपने पति को पैसों से मदद करने लगी हूँ। हमारा जीवन अब खुशहाल और सुखी है। :: सिलाई के हुनर से सारिका ने मिटाए बच्चों की फीस के आंसू :: इंदौर की सोमनाथ की जूनी चाल निवासी सारिका वर्मा की कहानी भी कम प्रेरणादायक नहीं है। लाड़ली बहना योजना से लाभान्वित सारिका ने एकत्रित राशि से सबसे पहले एक सिलाई मशीन खरीदी। आज वह इसी हुनर से अच्छी आमदनी कर रही हैं। सारिका का संघर्ष भावनात्मक है। उन्होंने बताया, पहले आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि बच्चों की पढ़ाई की फीस भी समय पर जमा नहीं करा पाती थी। वह दौर परेशानियों भरा था। लेकिन अब सिलाई से हुई आमदनी से तीनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च आसानी से निकल जाता है। मैं अब अपने पति को भी आत्मविश्वास के साथ आर्थिक सहयोग दे पाती हूँ। सारिका वर्मा ने अंत में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का हृदय से धन्यवाद दिया, जिनके विज़न के कारण आज हजारों महिलाओं का जीवन सशक्त हुआ है। प्रकाश/5 नवम्बर 2025