अंतर्राष्ट्रीय
06-Nov-2025
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इस्लामाबाद (ईएमएस)। पाकिस्तान द्वारा सिंध के पहाड़ों में कथित परमाणु सुरंगों के निर्माण से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग सिंधी नागरिक समाज के संगठनों और सिंधुदेश आंदोलन के संयुक्त मंच ने की है। इन संगठनों ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों, विशेष रूप से जमशोरो के उत्तर में नोरियाबाद के निकट, कंबर-शाहदादकोट जिले के आसपास और मंचर झील के पश्चिमी भाग में गुप्त परमाणु क्रियाकलापों और भूमिगत सुरंगों तथा कक्ष प्रणालियों के निर्माण पर चिंता जाहिर की है। उनका दावा है कि इन संरचनाओं का उपयोग परमाणु सामग्री के भंडारण या इससे जुड़ी प्रक्रियाओं के लिए किया जा सकता है। पत्र के अनुसार, इन सुरंगों के निर्माण स्थल पर सख्त सैन्य गोपनीयता का पालन हो रहा है और प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध है। समूहों ने आगाह किया है कि इन संरचनाओं में परमाणु पदार्थ होने पर रेडियोधर्मी प्रदूषण, पर्यावरणीय विनाश तथा वैश्विक परमाणु सुरक्षा और अप्रसार नियमों का उल्लंघन होने का गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए), संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण कार्यालय तथा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) को औपचारिक पत्र भेजकर तत्काल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच और वैश्विक सत्यापन की अपील की है। यह औपचारिक पत्र सिंधी नागरिक समाज के संगठनों और सिंधुदेश आंदोलन के संयुक्त मंच द्वारा भेजा गया है। इस पत्र को जेय सिंध मुत्तहिदा महाज के अध्यक्ष शफी बुरफत ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इसका लक्ष्य तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि पारदर्शिता कायम करना, स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा पर्यावरण की हिफाजत करना है। यह जांचने का अनुरोध किया गया है कि क्या ये दावे उसके सत्यापन दायरे में आते हैं, और यदि हाँ, तो स्थल पर तकनीकी विशेषज्ञों की तैनाती कर मूल्यांकन कराया जाए। विशिष्ट यूएन एजेंसियों के सहयोग से एक स्वतंत्र तथा निष्पक्ष तथ्य-निरोधन मिशन गठित करने की अपील की गई है। जल संसाधनों, कृषि, जैव-विविधता तथा जन स्वास्थ्य पर संभावित प्रभावों का मूल्यांकन करने के लिए समांतर मानवाधिकार व पर्यावरणीय अध्ययन कराने का आग्रह किया गया है। आशीष दुबे / 05 नवंबर 2025