राज्य
07-Nov-2025


-सर्विस ऐरर ऑनलाइन एंट्री में बनी बाधा भोपाल,(ईएमएस)। मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम यूं तो मध्य प्रदेश में 04 नवंबर से ही शुरु हो चुका है, लेकिन इसमें कई तरह की परेशानियां हैं। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) में लगे बीएलओ को सर्वप्रथम एप संबंधी तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा रहा है। पहली समस्या बीएलओ एप में किसी मतदाता का नाम 2003 की सूची में नहीं होने की स्थिति में ब्लड रिलेशन जोड़ना आवश्यक है, पर इस एप में महज ‘पिता’ और ‘दादा’ का नाम ही शो हो रहा है। अन्य रिश्ते जैसे चाचा या ताऊ को जोड़ने पर ऐप इसे अमान्य कर देता है। इसके चलते बड़ी संख्या में ऑफलाइन फॉर्म भरने का कार्य किया जा रहा है। इस स्थिति में ऑनलाइन एंट्री नहीं हो पा रही है। इसी तरह 2003 की सूची से नामों के मिलान में भी परेशानी आ रही है। सूची में दर्ज नाम और वर्तमान प्रमाण पत्रों में उल्लेखित नामों में समानता नहीं होने के कारण परेशानी खड़ी होती है। ऐसे में एप डेटा मिस मैच दिखा देता है। इस तरह के अन्य समस्याओं को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारी कहते हैं कि जल्द ही एप की खामियों को दूर कर व्यवस्था सुधार ली जाएगी। यही नहीं बीएलओ एप 40 से अधिक उम्र वालों के दर्ज डेटा पर भी एरर शो कर रहा है। दरअसल इसमें भी पिता और दादा का नाम स्वीकार नहीं कर पा रहा। इस संबंध में बीएलओ कहते हैं, कि इस मामले में हम कुछ कर रही नहीं सकते, क्योंकि सिस्टम ही डेटा मिसमैच शो कर देता है, यह अलग बात है कि दस्तावेज सही होते हैं। इस कारण मौजूदा समय में वेरिफिकेशन प्रक्रिया जो मिनटों में हो सकती है, घंटों तक अटकी रह जाती है। गौरतलब है कि एसआईआर शुरु होने के साथ ही बीएलओ घर-घर जाकर गणना पत्रक (एन्युमेरेशन फॉर्म) भरवाने का कार्य मुश्तैदी से कर रहे हैं, लेकिन आयोग का एप में गड़बड़ी और खामियां होने के कारण डेटा अपलोड नहीं हो पा रहा है। ज्यादातर मामलों में डेटा अपलोड करते समय रिलेशन लिंकिंग एरर शो हो रहा है। सामान्य लोगों का कहना है कि एप से वर्ष 2003 की वोटर लिस्ट का लिंक खोलने पर बार-बार सरविस एरर शो हो रहा है। कई दफा तो ऐसा भी होता है, कि साइट खुल जाती है, लेकिन आगे की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाती और एरर शो होने लग जाता है। महिला मतदाताओं के लिए भी परेशानी इस एप में महिला मतदाताओं के लिए भी एक बड़ी परेशानी उभर कर सामने आ रही है। बताया जा रहा है, कि पत्नी का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं होने पर सिस्टम उसे पति से नहीं बल्कि उसके पिता के नाम से लिंक करने का विकल्प दे रहा है। इससे अनेक महिलाएं परेशान हो रही हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह इन महिलाओं को यह नहीं मालूम है कि पुरानी सूची में उनके पिता का नाम किस फार्मेट में दर्ज किया गया है, यदि मिस मैच होता है तब भी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाएगी और एक नई परेशानी खड़ी हो जाएगी। इस तरह के अनेक समस्या संबंधी शिकायतें सामने आ रही हैं। हिदायत/ईएमएस 07नवंबर25