राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस 9 अक्टूबर 2025) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी कहते थे - किसी भी समाज की असली पहचान इस बात से होती है कि वह अपने सबसे कमजोर सदस्यों के साथ कैसा व्यवहार करता है l हर साल भारत में 9 नवंबर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के सभी नागरिकों को उचित, निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए जागरूक किया जाता है। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस की शुरुआत पहली बार 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए की गई थी। इस दिन को विधिक सेवा के तहत प्राधिकरण अधिनियम और वादिकारियों के अधिकारों को विभिन्न प्रावधानों से अवगत कराने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के लिए निःशुल्क, उच्च‑स्तरीय कानूनी सेवाओं की पेशकश करना है। यह कमजोर वर्गों के लोगों को मुफ्त सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ‑साथ उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने का प्रयास भी करता है। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के इतिहास के बारे में जानने से पहले यह जानना आवश्यक है कि कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 क्या है, क्योंकि राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस की शुरुआत के पीछे इस अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 39‑ए और उसकी समिति की सिफ़ारिशों के अनुसार, केंद्र सरकार ने कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 को अधिनियमित किया था। इस अधिनियम को 1994 के संशोधन अधिनियम के बाद 9 नवंबर 1995 को लागू किया गया, और तब से मुख्य अधिनियम में कई संशोधन किए गए हैं। इस अधिनियम के माध्यम से पिछड़े वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और दिव्यांग व्यक्तियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। अधिनियम के कारण किसी भी प्रकार से किसी दिव्यांग या आर्थिक रूप से कमज़ोर व्यक्ति को न्याय से वंचित नहीं रखा जा सकता। न्याय प्राप्त करने का अधिकार एक अमीर व्यक्ति या सामान्य वर्ग के व्यक्ति को जितना है, उतना ही अधिकार एक आम व्यक्ति को भी है। न्याय प्राप्त करने में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं है; सभी को समान अवसर प्रदान करना इस अधिनियम में निहित है। राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर, देश भर के राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में जागरूक करने के लिए कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, विधिक सेवा प्राधिकरणों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वर्ष 2021 में 2 अक्टूबर से 14 नवंबर तक छह‑सप्ताह का अखिल भारतीय कानूनी जागरूकता एवं आउटरीच अभियान चलाया गया। इस अभियान में घर‑घर जाकर प्रचार, कानूनी जागरूकता कार्यक्रम, मोबाइल वैन के माध्यम से जागरूकता और कानूनी सहायता क्लीनिक शामिल थे। इसके अतिरिक्त, 8 नवंबर से 14 नवंबर 2021 तक “कानूनी सेवा सप्ताह” मनाया गया, जिसमें 38 करोड़ से अधिक लोगों का सर्वेक्षण किया गया, उनसे बातचीत की गई और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। कानूनी सेवा दिवस (9 नवंबर 2021) को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) ने राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें कानूनी सेवा मोबाइल एप्लिकेशन का iOS संस्करण लॉन्च किया गया और कानूनी सहायता आवेदन दाखिल करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल को 10 भाषाओं में सुगम बनाया गया । राज्य स्तर पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाती है, जो इसके मुख्य संरक्षक भी होते हैं। उच्च न्यायालय के एक सेवारत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामांकित किया जाता है। जिला स्तर पर राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष जिला न्यायाधीश होता है। तालुका स्तर पर तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण का नेतृत्व वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश करते हैं। साथ ही उच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय विधिक सेवा प्राधिकरण भी होते हैं। इस दिवस का महत्व बहुत खास है; यह समाज के कमजोर वर्गों के लिए कानूनी सुरक्षा और प्रावधानों का वादा करता है। इससे विवादों के निपटारे में मदद मिलती है। जिस दिन यह अधिनियम पारित किया गया था, उसी दिन नागरिकों के बीच कानूनी जागरूकता फैलाने के लिए इसे राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर, आइए हम सभी न्याय की उपलब्धता को सुनिश्चित करने की शपथ लें। समाज के हर वर्ग तक निःशुल्क कानूनी सहायता पहुँचाकर, हम एक अधिक समान और न्यायसंगत भारत का निर्माण कर सकते हैं। (लेखक पत्रकार हैं ) (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 8 नवम्बर/2025