उत्तराखंड स्थापना दिवस 9 नवंबर पर ) उत्तराखंड स्थापना दिवस हर साल 9 नवंबर को मनाया जाता है। यह वर्ष 2000 में भारत के 27वें राज्य के रूप में उत्तराखंड के गठन की याद में मनाया जाता है। यह दिन राज्य की संस्कृति, विरासत और राज्य के लिए आंदोलन के दौरान किए गए बलिदानों का सम्मान करता है।उत्तराखंड उत्तर भारत में हिमालय में स्थित एक राज्य है, जिसे देवभूमि या देवताओं का निवास स्थान कहा जाता है। इसका गठन 9 नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग करके किया गया था। यह राज्य बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे पवित्र तीर्थ स्थलों, प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक खेलों के लिए जाना जाता है।उत्तराखंड की राजधानी देहरादून है उत्तराखंड के हरिद्वार में शांतिकुंज है जहाँ लोगों की ठहरने की व्यवस्था केवल उन लोगों के लिए उपलब्ध है जो या तो आध्यात्मिक तपस्या और प्रशिक्षण शिविरों (शांतिकुंज का मुख्य केंद्र) में भाग लेने के लिए आते हैं, या कुछ धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए आते हैं, या, उचित अनुमति प्राप्त करने के बाद, केवल इस आध्यात्मिक रूप से प्रेरित तीर्थस्थल के दर्शन करने के लिए आते हैं। भूगोल और सीमाएँ स्थिति: हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में। सीमाएँ: उत्तर में चीन (तिब्बत) और पूर्व में नेपाल से लगती हैं। स्थलाकृति: बर्फ से ढकी चोटियाँ, ग्लेशियर, घाटियाँ, झीलें और गंगा जैसी नदियाँ सहित विविध परिदृश्य वाला एक विशाल पहाड़ी राज्य। वन क्षेत्र: राज्य का 65% से अधिक भाग वनों से आच्छादित है। संस्कृति और ऐतिहासिक स्थल आध्यात्मिक स्थल: केदारनाथ, बद्रीनाथ, हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे कई पवित्र स्थलों का घर। लोकप्रिय स्थल: नैनीताल और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों और औली के स्कीइंग स्थल के लिए प्रसिद्ध। राष्ट्रीय उद्यान: इसमें प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं। भाषा: हिंदी आधिकारिक भाषा है, जबकि गढ़वाली और कुमाऊँनी भी व्यापक रूप से बोली जाती हैं। अर्थव्यवस्था और गतिविधियाँ खनिज संसाधन: राज्य में चूना पत्थर, संगमरमर और मैग्नेसाइट जैसे खनिजों के प्रचुर भंडार हैं। जलविद्युत: इसमें जलविद्युत उत्पादन की प्रचुर संभावनाएँ हैं। पर्यटन: आध्यात्मिक पर्यटन और ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग जैसी साहसिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र।। भराड़ीसैंण (गैरसैंण): ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया गया। इतिहास: सांस्कृतिक, भौगोलिक और प्रशासनिक भिन्नताओं के कारण एक अलग पहचान के लिए लंबे संघर्ष के बाद, 9 नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर इस राज्य का गठन किया गया था, जिसका मूल नाम उत्तरांचल था। 2007 में इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। महत्व: यह दिन राज्य की विशिष्ट पहचान, सांस्कृतिक गौरव और इसके लोगों की दृढ़ भावना का जश्न मनाता है। यह राज्य की प्रगति और अपनी प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता पर चिंतन करने का भी अवसर प्रदान करता है। समारोह: राज्य भर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, संगीत, भाषण और व्याख्यान शामिल होते हैं, जो अक्सर सतत विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और युवा सशक्तिकरण जैसे विषयों पर आयोजित किए जाते हैं। परिचय | उत्तराखंड का मुख्य उपनाम देवभूमि है, जिसका अर्थ है देवताओं की भूमि। यह नाम राज्य के कई हिंदू तीर्थस्थलों, जैसे केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री, को दर्शाता है। एक अन्य उपनाम फूलों की घाटी है। देवभूमि (देवताओं की भूमि): राज्य में पवित्र तीर्थस्थलों और तीर्थस्थलों की प्रचुरता के कारण यह सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से प्रयुक्त उपनाम है। फूलों की घाटी: यह उपनाम भी राज्य से जुड़ा है और हिमालय में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान को संदर्भित करता है जो अपनी विविध वनस्पतियों के लिए जाना जाता है। केदारखंड और मानसखंड: ये क्रमशः उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊँ क्षेत्रों के प्राचीन नाम हैं, और पुराणों में इनका उल्लेख मिलता है। (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 08 नवम्बर/2025