अब तक सात मुकदमें दायर उनमें से चार पीडित कर चुके हैं खुदकुशी वाशिंगटन,(ईएमएस)। आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस दुनिया बदल रही है, लेकिन इसके साथ ही इससे कुछ ऐसे खतरे भी उत्पन्न हो गए हैं, जिनकी हमने नहीं की थी। अमेरिका में अब चैटजीपीटी पर बड़ा आरोप लगा है। दो सामाजिक संस्थाओं और एक किशोर ने इस एआई चैटबॉट पर आत्महत्या के लिए उकसाने और मानसिक भ्रम पैदा करने का आरोप लगाकर अदालतों में मुकदमे दायर किए हैं। दावा किया गया है कि यह तकनीक उन लोगों को भी गलत काम के लिए उकसाती है, जिनमें पहले किसी भी तरह की मानसिक बीमारी के लक्षण नहीं थे। ओपनएआई ने इन घटनाओं को “दिल तोड़ने वाला” बताया और कहा कि वह विवरण समझने के लिए कोर्ट के दस्तावेज़ों की समीक्षा कर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया विक्टिम्स लॉ सेंटर और टेक जस्टिस लॉ प्रोजेक्ट द्वारा छह वयस्कों और एक किशोर की ओर से दायर इन मामलों में आरोप है कि ओपनएआई ने जीपीटी-40 को समय से पहले जारी कर दिया जबकि कंपनी को पता था कि बिना परीक्षणों के इसे रिलीज करना खतरनाक हो सकता है और यह मॉडल यूजर पर मनोवैज्ञानिक रूप से नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जो सात मुकदमें दायर किए गए हैं उनमें से चार में पीडितों ने खुदकुशी की थी। बता दें इस साल अगस्त में भी 16 साल के एडम रेन के माता-पिता ने ओपनएआई और इसके सीईओ सैम ऑल्टमैन पर मुकदमा दायर किया था। उनका आरोप था कि चैटजीपीटी ने कैलिफ़ोर्निया के इस लड़के को उसकी जान लेने की दिशा में उकसाया। सबसे दर्दनाक मामला 17 साल के अमॉरी लेसी का है। परिवार का कहना है कि अमॉरी एक मददगार सलाह की उम्मीद में चैटजीपीटी का इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन इस चैटबॉट ने उसकी भावनात्मक स्थिति को और खराब किया और वह अत्यधिक नकारात्मक सोच में घिर गया। वकीलों का तर्क है कि यह स्थिति ओपनएआई की उस जल्दबाज़ी का परिणाम है जिसमें उसने सुरक्षा परीक्षणों को पूरा किए बिना ही इसे रिलीज कर दिया। कनाडा के 48 साल के एलन ब्रूक्स ने भी चैटजीपीटी के खिलाफ शिकायत की है। उनका कहना है कि दो साल तक चैटजीपीटी एक सामान्य संसाधन की तरह काम करता रहा, लेकिन अचानक इसका टोन और व्यवहार बदल गया और यह उनकी कमजोरी और तनाव को बढ़ाने लगा। परिवार के मुताबिक इससे उनके जीवन में भावनात्मक और आर्थिक दोनों तरह के गहरे प्रभाव पड़े। विशेषज्ञों का कहना है कि एआई मॉडल कभी-कभी उपयोगकर्ता की भाषा को गलत तरीके से समझकर ऐसा जवाब दे सकते हैं, जो भावनात्मक रूप से संवेदनशील लोगों पर असर डाल सकता है। यही वजह है कि अमेरिका में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या एआई सिस्टम्स को इंसान जैसा दिखाने की होड़ कहीं उनकी जिम्मेदारी से बड़ी तो नहीं हो रही है। सोशल मीडिया विक्टिम्स लॉ सेंटर के संस्थापक वकील मैथ्यू पी बर्गमैन का कहना है कि ये मुकदमे जवाबदेही के बारे में हैं। एक उत्पाद को इस तरह बनाया गया कि वह उपकरण और साथी के बीच की रेखा धुंधली कर दे और यह सिर्फ उपयोगकर्ता सहभागिता और मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए किया गया है। सिराज/ईएमएस 08नवंबर25 ---------------------------------