अंतर्राष्ट्रीय
08-Nov-2025
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बीजिंग,(ईएमएस)। चीन ने अपना अब तक का सबसे आधुनिक और स्वदेशी रूप से विकसित एयरक्राफ्ट कैरियर ‘फुजियान’ आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल कर लिया है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाइनान प्रांत में आयोजित एक विशेष समारोह में इसे चीन की नौसेना को सौंपा और जहाज पर जाकर निरीक्षण भी किया। यह कदम चीन की समुद्री सैन्य शक्ति को एक नए स्तर पर ले जाने वाला माना जा रहा है। ‘फुजियान’ चीन का तीसरा एयरक्राफ्ट कैरियर है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह चीन में डिजाइन और निर्मित किया गया है। इससे पहले चीन के दोनों एयरक्राफ्ट कैरियर, ‘लियाओनिंग’ और ‘शानडोंग’ रूस की डिजाइन पर आधारित थे। नया एयरक्राफ्ट कैरियर तकनीकी रूप से अत्याधुनिक बताया गया है। इसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कैटापल्ट सिस्टम लगाया गया है, जो लड़ाकू विमानों को तेजी से उड़ान भरने में सक्षम बनाता है। यह वही तकनीक है जो अब तक सिर्फ अमेरिका के पास थी। इससे पहले चीन के जहाजों में ‘स्की-जंप रैंप’ का उपयोग होता था, जिससे भारी विमान उड़ान नहीं भर पाते थे। ‘फुजियान’ का फ्लैट फ्लाइट डेक और उन्नत इलेक्ट्रिक सिस्टम इसे सुपरमॉडर्न कैरियर बनाते हैं। बताया जा रहा है कि इस पर चीन अपने जे-35 स्टेल्थ फाइटर जेट भी तैनात करेगा। इन विमानों की तैनाती से चीन को ताइवान स्ट्रेट से लेकर हिंद महासागर तक अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी। सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि ‘फुजियान’ की तैनाती से चीन की नौसेना अब ब्लू वॉटर नेवी बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठा चुकी है। यानी अब वह न केवल अपने समुद्री तटों की रक्षा कर सकेगी, बल्कि दूर-दराज के समुद्री क्षेत्रों में भी ऑपरेशन संचालित करने की क्षमता रखेगी। यह जहाज चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी की रणनीति में निर्णायक भूमिका निभाएगा। ताइवान के आसपास और दक्षिण चीन सागर में पहले से जारी तनाव के बीच ‘फुजियान’ की तैनाती भारत, जापान और अमेरिका सहित इंडो-पैसिफिक देशों के लिए भू-राजनीतिक चिंता का विषय बन सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि चीन अब अपने समुद्री शक्ति प्रदर्शन के जरिए क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने और हिंद महासागर में भारत की उपस्थिति को चुनौती देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हिदायत/ईएमएस 08नवंबर25