खेल
09-Nov-2025
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- रन लेने के लिए तरसते हैं बल्लेबाज नई दिल्ली (ईएमएस)। हिमाचल प्रदेश की हसीन वादियों से निकलकर भारतीय महिला क्रिकेट टीम की तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर ने वो मुकाम हासिल किया है, जिस पर आज पूरा देश गर्व कर रहा है। हाल ही में वर्ल्ड कप जीतने के बाद जब भारतीय महिला क्रिकेट टीम की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई, तो पीएम मोदी ने रेणुका की मां सुनीता ठाकुर की मेहनत की तारीफ करते हुए कहा, “आपकी माता जी के लिए तो विशेष रूप से प्रणाम करूंगा। उन्होंने कठिन जीवन में आपके लिए इतना संघर्ष किया। एक मां इतनी मेहनत करें और बेटी के लिए करें, ये अपने आप में बड़ी बात है।” यह सिर्फ एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक संघर्ष, उम्मीद और सफलता की कहानी है, जहां एक साधारण गांव की बेटी ने अपने पिता का सपना पूरा किया और पूरे देश को गौरवान्वित किया। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहडू उपमंडल के पारसा गांव में 2 जनवरी 1996 को जन्मी रेणुका ठाकुर का बचपन संघर्षों से भरा रहा। जब वह मात्र तीन साल की थीं, तभी उनके पिता केहर सिंह ठाकुर का निधन हो गया। पिता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे और खुद क्रिकेट के बड़े प्रशंसक थे। वे चाहते थे कि उनके बच्चे खेल की दुनिया में आगे बढ़ें। पिता के जाने के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी मां सुनीता ठाकुर पर आ गई। उन्होंने न सिर्फ घर संभाला, बल्कि रेणुका और उनके भाई विनोद ठाकुर को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया। गांव की पाठशाला से शुरू हुई शिक्षा रेणुका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल (जी.एस.एस. स्कूल, धर्मशाला) से शुरू की। बचपन में वे अक्सर अपने भाई और गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला करती थीं। उनकी गेंदबाजी देखकर गांव के पीटी टीचर व रेणुका के चाचा भूपेंद्र ठाकुर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सुझाव दिया कि रेणुका को हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) अकादमी, धर्मशाला में भेजा जाए। मां ने अपने जेठ की सलाह मानी और साल 2009 में रेणुका को एचपीसीए में दाखिला दिलाया। यही वह कदम था जिसने रेणुका की जिंदगी की दिशा बदल दी। रेणुका ने अपनी मिडल और सीनियर सेकेंडरी शिक्षा जेएव्ही सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कांगड़ा से पूरी की। इसके बाद उन्होंने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर और खालसा कॉलेज, अमृतसर से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान रेणुका ने पूरी गंभीरता से क्रिकेट को अपना करियर बनाने का निर्णय लिया। एचपीसीए की ट्रेनिंग और शैक्षणिक अनुशासन ने उन्हें निखारा और एक प्रोफेशनल तेज गेंदबाज बनने की दिशा में आगे बढ़ाया। अक्टूबर 2021 में रेणुका ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 डेब्यू किया और फरवरी 2022 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे डेब्यू किया। इसके बाद 2022 के कॉमनवेल्थ गेम्स में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज बनीं और देश को सिल्वर मेडल दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें आईसीसी द्वारा ‘इमर्जिंग वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2022’ का सम्मान भी मिला। वर्ल्ड कप में प्रदर्शन और पीएम की सराहना हाल ही में हुए वर्ल्ड कप में रेणुका ने 7 में से 5 मैच खेले और 3 विकेट हासिल किए। हालांकि आंकड़े सीमित रहे, लेकिन उनकी किफायती गेंदबाजी ने सभी को प्रभावित किया। फाइनल में उनके ओवर पर दो कैच ड्रॉप हुए, वरना आंकड़े और शानदार होते। वर्ल्ड कप जीतने के बाद जब पूरी टीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली, तो पीएम ने विशेष रूप से रेणुका ठाकुर की मां की सराहना की। यह पल सिर्फ रेणुका नहीं, बल्कि पूरे हिमाचल के लिए गर्व का विषय बन गया। डेविड/ईएमएस 09 नवंबर 2025