पल्मोनोलॉजिस्ट की सलाह-बुजुर्गों और बच्चे कड़ाके की ठंड में बाहर न जाएं श्रीनगर,(ईएमएस)। श्रीनगर में सोमवार को माइनस 0.1 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक इस मौसम में यह पहली बार हुआ है जब श्रीनगर में पारा शून्य से नीचे चला गया। गुलमर्ग में शून्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं शून्य से 3.2 डिग्री नीचे तापमान के साथ पहलगाम सबसे ठंडा रहा। बताया गया है कि आने वाले 10 से 15 दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है और रात में आसमान साफ रहने से आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है। जम्मू में न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस, कटरा में 11 डिग्री सेल्सियस, बटोटे में 4.6 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह में 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पल्मोनोलॉजिस्ट ने लोगों को खासकर बुजुर्गों और बच्चों को ठंड में बाहर न जाने की सलाह दी गई है, क्योंकि इससे सर्दियों के महीनों में सीने में जकड़न और संक्रमण हो सकता है। जाने-माने पल्मोनोलॉजिस्ट ने कहा है कि जो लोग पहले से बीमार हैं, उन्हें सर्दियों के महीनों में ठंड से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। बता दें कश्मीर घाटी में सर्दियों में लोग एक खास ऊनी कोट पहनते हैं, जिसे फेरन कहते हैं। ठंड बढ़ने पर वे कांगड़ी नाम की टोकरी इस्तेमाल करते हैं। इसमें मिट्टी का एक छोटा बर्तन होता है, जिसमें जलते कोयले डाले जाते हैं। इसे फेरन के अंदर रखकर शरीर को गर्म रखा जाता है। जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा ठंड का समय चिल्लई कलां कहलाता है। यह 21 दिसंबर से 30 जनवरी तक के 40 दिन का होता है। इन दिनों घाटी में इतनी ठंड पड़ती है कि झीलें, नदियां और तालाब पूरी तरह जम जाते हैं। बर्फ से ढकी पहाड़ों की चोटियों से घाटी में सुबह और शाम को ठंडी हवाएं चलने से कश्मीर में सुबह और शाम ठंडी रहती है वहीं लोगों ने भारी ऊनी कपड़े पहनना शुरू कर दिया है। फेरन घाटी में रहने वाले लोगों का पारंपरिक सर्दियों का पहनावा है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, लोग कांगड़ी नाम की विलो की टोकरी में चारकोल से भरा मिट्टी का बर्तन फेरन के अंदर इस्तेमाल करते हैं ताकि कड़ाके की ठंड से बचा जा सके। सिराज/ईएमएस 10नवंबर25