बीजिंग (ईएमएस)। चीन ने जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची के ताइवान पर दिए हालिया बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि जापान को अपने युद्धकालीन इतिहास पर गहराई से विचार करना चाहिए। चीन ने जापान को एक-चीन नीति का सख्ती से पालन करने की नसीहत दी है। चीन के राज्य परिषद ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने बुधवार को कहा कि दुनिया में केवल एक ही चीन है और ताइवान उसका अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ताकाइची के बयान चीन के आंतरिक मामलों में गंभीर दखल हैं और एक-चीन सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने जापान सरकार के सामने कड़ा विरोध और औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई है। चेन ने याद दिलाया कि जापान ने ताइवान पर 50 साल के औपनिवेशिक शासन के दौरान “असंख्य अत्याचार” किए थे और चीन ने 80 वर्ष पहले जापानी आक्रमणकारियों को हराकर ताइवान को पुनः प्राप्त किया था। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी ताकत चीन की एकता को चुनौती देने या ताइवान को अलग करने की कोशिश करेगी, उसे चीनी सरकार, जनता और सेना की कड़ी प्रतिक्रिया झेलनी होगी। साथ ही, चीन ने ताइवान की सत्ताधारी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को भी चेताया कि बाहरी ताकतों पर निर्भर होकर अलगाव की नीति अपनाना “असफल प्रयास” साबित होगा।