डोंगरगढ़ (ईएमएस)। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले स्थित श्री दिगंबर जैन तीर्थ चंद्रगिरि डोंगरगढ़ में 18 नवंबर 2025 को एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। यह कार्यक्रम “दुनिया का प्रथम विधान” के रूप में संपन्न होगा, जिसमें 36 भाषाओं में आचार्य पूजन किया जाएगा। यह अनूठा आयोजन महासमाधि धारक परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित एवं आचार्य श्री समय सागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री धर्मसागर जी महाराज, मुनि श्री भावसागर जी महाराज एवं आर्यिका श्री आदर्शमति माताजी ससंघ के सान्निध्य में संपन्न होगा। कार्यक्रम का शुभारंभ 18 नवंबर की सुबह 7 बजे किया जाएगा। कार्यक्रम में आचार्य श्री की 36 भाषाओं में विशेष पूजन, आचार्य छत्तीसी महाविधान, मुनि श्री और आर्यिका श्री के धर्मप्रवचन, तथा शाम को “एक शाम गुरुवर के नाम” शीर्षक से भजन संध्या और महाआरती का आयोजन होगा। छत्तीसगढ़ में यह पहला अवसर होगा जब छत्तीसगढ़ मूल गुणधारी आचार्य परमेष्ठी का महाविधान इतने भव्य और नवीन स्वरूप में संपन्न होगा। इस दौरान 36 प्रकार के स्वर्ण, रजत, रत्नों से बने द्रव्य, धान के 36 प्रकार के चावल, और 36 फीट ऊंचा विश्व का प्रथम माडना आकर्षण का केंद्र रहेंगे। इस माडने पर भारत के विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि 36 श्रीफल अर्पित करेंगे। आयोजन में हथकरघा से निर्मित विविध रंगों की वेशभूषा और विशिष्ट पूजन सामग्री का उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए श्री दिगंबर जैन चंद्रगिरि अतिशय तीर्थ क्षेत्र कमेटी एवं श्री विद्यासागरोदय समाधि स्मारक कमेटी ने श्रद्धालुओं से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्मलाभ लेने की अपील की है। बाहर से आने वाले अतिथियों के लिए आवास और भोजन की विशेष व्यवस्था की गई है। अधिक जानकारी हेतु चंद्रगिरि तीर्थ क्षेत्र कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है- 9425563160, 8962797497।