राज्य
13-Nov-2025
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-78वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा में 12 लाख लोगों के आने का अनुमान भोपाल (ईएमएस)। राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी स्थित घासीपुरा में शुक्रवार से शुरू हो रहा 78वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा इस बार तकनीक और परंपरा का अनोखा संगम लेकर आ रहा है। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम धार्मिक सम्मेलन में पहली बार क्यूआर कोड आधारित व्यवस्था लागू की गई है। इससे न केवल सेवादारों को अपनी जिम्मेदारी समझने में आसानी होगी, बल्कि आयोजन स्थल की संपूर्ण जानकारी भी डिजिटल रूप से उपलब्ध रहेगी। चार दिवसीय यह मजहबी समागम शुक्रवार को फजिर की नमाज के साथ आरंभ होगा और 17 नवंबर को सामूहिक दुआ के साथ संपन्न होगा। देशभर की जमातों और विदेशों से व्यक्तिगत रूप से आने वाले मुस्लिम नागरिक बड़ी संख्या में शामिल होंगे। दुआ के आखिरी दिन करीब 12 लाख जमातियों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इज्तिमा के प्रवक्ता उमर हफीज बताते हैं कि पहला आधिकारिक इज्तिमा 1947 में हुआ था, इसलिए यह 79वां आलमी इज्तिमा है, लेकिन कोरोना काल में साल 2020 में यह आयोजन नहीं हो सका था, इसलिए यह 78वां आयोजन है। उमर हफीज बताते हैं विदेश से कोई जमात नहीं आती, बल्कि व्यक्तिगत रूप से लोग इस इज्तिमा में शामिल होने आते हैं। पहले उनका पुलिस वेरीफिकेशन होता है। इसके बाद ही समागम में शामिल होने की अनुमति दी जाती है। इज्तिमा स्थल पर तीस हजार से अधिक वालेंटियर को विशेष क्यूआर कोड वाले पहचान पत्र दिए गए हैं, जिनमें नगर निगम के पांच हजार और 25 हजार स्वयंसेवक शामिल रहेंगे, जो रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और इज्तिमा स्थल जाने वाले प्रमुख मार्गों पर तैनात किए गए हैं। इस कार्ड को स्कैन करते ही मोबाइल पर पूरा इज्तिमा परिसर का डिजिटल नक्शा खुल जाएगा, जिसमें यह जानकारी होगी कि कौन सी जमात किस क्षेत्र में ठहरी है, किस जगह जरूरी सामान, पानी या चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है, सफाई या सुरक्षा से जुड़ी टीमें कहां-कहां तैनात हैं। आयोजन समिति के अनुसार, यह सिस्टम भीड़ प्रबंधन में अहम भूमिका निभाएगा और किसी भी आपात स्थिति में मदद पहुंचाने में समय की बचत होगी। इस सुविधा से लोग परेशान होने से बचेंगे और उन्हें सटीक जानकारी मिल सकेगी। जीरो वेस्ट और ग्रीन थीम पर इस बार का इज्तिमा जीरो वेस्ट थीम पर आधारित है। प्रवक्ता उमर हफीज के अनुसार, प्लास्टिक और डिस्पोजल वस्तुओं पर पूरी तरह प्रतिबंध है। नगर निगम और ग्राम पंचायतों के सहयोग से पूरे आयोजन को ‘ग्रीन एंड क्लीन इज्तिमा’ बनाने की योजना है। कचरा प्रबंधन विशेषज्ञ सैयद इम्तियाज अली ने बताया कि इस बार उत्पन्न होने वाला कचरा 180 मीट्रिक टन से घटाकर 120 मीट्रिक टन तक सीमित रखने का लक्ष्य है। इस समागम में पहली बार इज्तिमा स्थल के आसपास की आठ ग्राम पंचायतें सफाई समेत अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग कर रही है। वहीं दूसरी ओर वुजू में प्रतिदिन खर्च होने वाले 90 लाख लीटर पानी को कम करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। बायोमेडिकल वेस्ट और गंदे पानी का ट्रीटमेंट और रीसाइक्लिंग की जाएगी।