* दो के लिए नहीं मिले ठेकेदार * रबी फसल के लिए जनवरी में छोड़ेंगे पानी * लगभग एक साल पहले 20.73 करोड़ रुपए की मिल चुकी हैं मंजूरी * लाइनिंग टूटने से दबने लगी नहर की सड़क * मिट्टी बहने से नहर टूटने का खतरा * हादसे का बना है डर (कोरबा) कोरबा जिले में हसदेव दर्री बैराज से निकली बांयीं तट नहर की लाइनिंग मरम्मत में प्रशासनिक अनदेखी सामने आई है। लाइनिंग टूटने से नहर फूटने का खतरा बना हुआ है। एक साल पहले 20 करोड़ 73 लाख रुपए मिलने के बाद भी एक ही नहर का टेंडर हो सका है। वर्क आर्डर जारी करने के बाद मरम्मत के लिए समय नहीं मिल रहा है। बाकी के दो काम के लिए अभी तक ठेकेदार तय नहीं हुए है। कोरबा शहर के बीच से गुजरने वाली बांयीं तट नहर की लंबाई 52 किमी है। इसमें से 18 किमी तक का हिस्सा कोरबा जिले में आता है। इसकी सिंचाई क्षमता 1 लाख 47 हेक्टेयर है। नहर लाइनिंग की मरम्मत लगभग 8 साल से नहीं हुई है। इस दौरान कुछ जगह मरम्मत कराई गई थी। तीन चरण में काम कराने 20 करोड़ 73 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। 48 मीटर से 9500 मीटर तक लाइनिंग मरम्मत कराने 7 करोड़ 24 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। निविदा के बाद वर्क आर्डर भी जारी हो चुका है। इससे शहर के बीच नहर लाइनिंग की मरम्मत होगी। अक्टूबर में नहर से पानी बंद करने के बाद सूखने का इंतजार किया जा रहा है। प्लांट से पानी आने से अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। अब जिला जल उपयोगिता समिति ने पानी रबी फसल के लिए जनवरी से छोड़ने का निर्णय लिया है। अप्रैल तक पानी छोड़ा जाना है। यही हाल रहा तो खरीफ सीजन तक मरम्मत नहीं हो पाएगी। लाइनिंग टूटने से रेलवे स्टेशन रोड और दर्री रोड की सड़क दबने लगी है। इससे हादसे का डर भी बना हुआ है। * दूसरा काम 7.49 करोड़ और तीसरा 6 करोड़ का नहर की 9500 मीटर से 1200 मीटर लाइनिंग के लिए 7 करोड़ 49 लाख रुपए की मंजूरी मिली है। इसके लिए दूसरा टेंडर भी हुआ है। अभी तक रेट फाइनल नहीं हुआ है। तीसरा काम 1200 मीटर से 1800 मीटर का है। इसके लिए 6 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है। पहले टेंडर में ठेकेदार ने अनुबंध नहीं किया। वहीं दूसरी बार टेंडर हुआ, तो कोई ठेकेदार ही सामने नहीं आया। * चार साल में चार जगहों पर फूट चुकी है नहर बांयीं तट नहर तीन साल में तीन बार फूट चुकी है। 2022 में सीतामढ़ी के पास नहर फूटने से बस्ती में पानी भर गया था। 2023 में ढिटोरी के पास नहर फूट गई थी। इससे सिंचाई प्रभावित रही। 2024 में बरपाली के पास लीकेज हो गया था। मार्च 2025 में राताखार के पास नहर फूटने से कॉलोनी में पानी घुस गया था। * पूरी क्षमता के साथ नहीं छोड़ पा रहे पानी नहर की क्षमता 4200 क्यूसेक है। खरीफ में 3000 से 3500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे अधिक पानी छोड़ने पर नहर को ही खतरा है। हालांकि इस बार लगातार बारिश के कारण क्षमता के अनुसार पानी छोड़ने की नौबत अब तक नहीं आई। * स्टेशन रोड की 100 मीटर सेफ्टी वॉल टूटी स्टेशन रोड पर नहर किनारे बनाई गई करीब 100 मीटर सेफ्टी वॉल टूट चुकी है। सड़क नीचे खोखला हो चुकी है। नहर किनारे लगे बिजली खंभे भी झुक गए हैं। इससे हादसे का डर है। सीतामढ़ी के लोग नहर फूटने की आशंका जताते हुए कई बार मरम्मत की मांग कर चुके हैं। हसदेव दर्री बैराज एसडीओ पी.के. टोप्पो ने बताया की एक का वर्क आर्डर जारी हो गया है। इसका काम शुरू कराएंगे। बाकी दो की टेंडर की का प्रक्रिया चल रही है। नहर की लाइनिंग पूरी तरह टूटी हुई है। इसकी जानकारी समिति की बैठक में दी गई है। अधिकारियो को भी बता चुके हैं। टेंडर रायपुर से होता है। रेट को लेकर समस्या हो सकती है।