बड़वानी (ईएमएस)। राज्यपाल मंगू भाई पटेल के निर्देशन में मध्यप्रदेश सरकार के अभूतपूर्व निर्णय के अंतर्गत मध्यप्रदेश में 15 नवम्बर, राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर आजीवन कारावास की सजा पाए 32 बंदियों को समय-पूर्व रिहाई प्रदान की गई, जिनमें 09 बंदी आदिवासी समुदाय से हैं। धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती के अवसर पर लिए गए इस निर्णय के साथ मध्यप्रदेश में अब प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को आजीवन कारावास दंडित पात्र बंदियों को समय-पूर्व रिहाई देने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। इस ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व निर्णय के साथ मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहाँ वर्ष में पाँच अवसरों पर आजीवन कारावास के दंडित बंदियों को निर्धारित दिशा-निर्देशों एवं पात्रता के आधार पर सजा में छूट प्रदान कर समय-पूर्व रिहाई दी जाएगी। राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर केन्द्रीय जेल बड़वानी से बड़वानी जिले के चार बंदियों सीताराम पिता हैकड़िया, मुन्ना पिता मांगिया, गुड़िया पिता मांगिया तथा सुरसिंह पिता चमारिया को समय-पूर्व रिहाई प्रदान की गई। इस अवसर पर जेल में निरूद्ध बंदियों को प्रेरित करने हेतु जेल में मध्यप्रदेश के जनजातीय गौरव कहलाने वाले प्रमुख नायकों का नवीन स्मारक जेल के अंदर निर्मित किया गया। इस स्मारक पर बंदियों द्वारा माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। 04 रिहाई प्राप्त बंदियों को श्रीमद भागवत गीता की प्रति प्रदान कर भविष्य में अपराध से दूर रहने की प्रेरणा दी गई। साथ ही ढोल एवं मांदल पर पारंपरिक नृत्य करते हुए जेल के बंदियों द्वारा उल्लास पूर्ण ढंग से राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस मनाया गया। हेमंत गर्ग, ईएमएस, 15 नवम्बर, 2025