- भोपाल में श्रीराम कथा के तृतीय दिवस पर भक्ति और चेतना का संगम भोपाल (ईएमएस)। मानस धाम कॉलोनी, पिपलिया लांबाखेड़ा में चल रही श्रीराम कथा के तृतीय दिन का आयोजन हजारों भक्तों की उपस्थिति में अत्यंत भक्ति–भाव से संपन्न हुआ। वृंदावन धाम से पधारे राष्ट्रीय प्रवक्ता पूज्य धर्मपथिक शैलेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने अपनी तेजस्वी, ओजपूर्ण वाणी से वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। भक्तों ने अद्भुत तन्मयता से कथा का रसपान किया। शास्त्रीजी ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य से भूल होना स्वाभाविक है, पर उसे सुधार लेना ही सच्ची भारतीय संस्कृति है। उन्होंने बताया कि ‘धन्यवाद’ शब्द का उद्गम भगवान शिव की वाणी से माना गया है। भगवान के नाम का स्मरण और गुणगान ही वास्तविक धन्यवाद है। उन्होंने श्रीराम अवतार के तीन प्रमुख कारण- जय-विजय का श्राप, वृंदा का श्राप और नारदजी का श्राप— का मार्मिक वर्णन किया। गुरुदेव ने तिनके, धूल और पुराने वस्त्र तक के सम्मान का संदेश देते हुए कहा, “अहम जीवन की उन्नति में सबसे बड़ा बाधक है।” - बॉलीवुड को चेतावनी प्रवचन के दौरान शास्त्रीजी ने फिल्मों और वेब सीरीज में देवी-देवताओं के अपमान पर कड़ा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति का मजाक उड़ाने वालों पर प्रतिबंध लगना चाहिए, क्योंकि यह केवल धर्म नहीं, मानवता का भी अपमान है। युवाओं से उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए संगठित होने का आह्वान किया। - जयघोषों के साथ जन्मोत्सव जैसे ही मंच से भगवान श्रीराम के जन्म की कथा वर्णित हुई, पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के नारे से गूंज उठा। जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कथा प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक चल रही है। आयोजन का दायित्व सुधीर राय, सुनील राय, सचिन राय और प्रकाशचंद्र राय संभाल रहे हैं, जबकि मीडिया प्रभारी राजेश राय व सुधीर राय ने बताया कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त कथा श्रवण के लिए पहुंच रहे हैं।