राष्ट्रीय
15-Nov-2025
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बिहार ने जातीय और सांप्रदायिक राजनीति को ठुकराया -आदिवासी समाज का विकास सरकार की प्राथमिकता -जिन्हें हार मिली उन्हें इस सदमें से निकलने में लग जाएंगे महीनों सूरत,(ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात दौरे पर शनिवार को सूरत और नर्मदा जिले के डेडियापाडा में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। सूरत में बिहार मूल के लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, कि बिहार का टैलेंट और वहां के लोगों की राजनीतिक समझ दुनिया में प्रसिद्ध है। बिहार ने जातीय और सांप्रदायिक राजनीति के जहर को ठुकरा दिया है। जिन लोगों को हार मिली है, उन्हें इस सदमे से निकलने में महीनों लगेंगे। संबोधन पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने पंडोरी माता के देवमोगरा मंदिर में पूजा-अर्चना की। पंडोरी माता को गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान के आदिवासी समुदाय अपनी कुलदेवी मानते हैं। इससे पहले उन्होंने मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर के निर्माण कार्य का जायजा भी लिया। डेडियापाडा में पीएम मोदी ने लगभग 9700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया और 4 किमी लंबे रोड शो में भी भाग लिया, जिसमें आदिवासी समुदाय के हजारों लोग शामिल हुए। पीएम मोदी ने कहा, कि वे देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि छह दशकों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने आदिवासी समाज को उनके हाल पर छोड़ दिया, जहां कुपोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं थीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने आदिवासी नेतृत्व को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, कई राज्यों में आदिवासी मुख्यमंत्री बने। मंगूभाई पटेल मध्य प्रदेश के राज्यपाल हैं, सरबानंद सोनोवाल शिपिंग मंत्रालय संभाल रहे हैं। आदिवासी समाज आज देश के विकास में अग्रणी भूमिका में है। सभा के दौरान एक बच्ची की बनाई पेंटिंग देखकर पीएम मोदी ने एसपीजी जवानों को वह पेंटिंग लेने को कहा और बच्ची से कहा कि वे उसे चिट्ठी लिखेंगे। पीएम मोदी ने इसी बीच बताया, कि केंद्र सरकार ने वन उपज पर एमएसपी बढ़ाई है, अन्न व मोटे अनाज को प्रोत्साहन दिया है और गुजरात की वनबंधु योजना को अब और विस्तृत कर जनजातीय योजनाओं के रूप में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में अस्पतालों, क्लीनिकों और डिस्पेंसरी की संख्या बढ़ाई जा रही है तथा नई शिक्षा नीति के तहत स्थानीय भाषाओं को प्रमुखता दी गई है। पीएम मोदी ने गुजरात के आदिवासियों की पेंटिंग और कलाकृतियों को विशिष्ट बताते हुए कहा कि इन्हें वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास जारी हैं। हिदायत/ईएमएस 15नवंबर25