राष्ट्रीय
15-Nov-2025
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बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ा पटना (ईएमएस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महागठबंधन की करारी हार के बाद से आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में खलबली मची हुई है। पहले बेटे तेज प्रताप ने नतीजे आने पर तेजस्वी को फेलस्वी करार देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए नेताओं की जमकर तारीफ की। अब बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को बड़ा राजनीतिक धमाका कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर राजनीति छोडऩे और अपने परिवार से नाता तोडऩे की घोषणा कर दी। चुनाव नतीजों में एनडीए ने भारी जीत दर्ज करते हुए 202 सीटें हासिल की थीं, जबकि महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया। रोहिणी ने अपने बयान में चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि संजय यादव और रमीज ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा था और अब वह सारी गलती और सारे आरोप अपने ऊपर ले रही हैं। रोहिणी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।गौरतलब है कि संजय यादव आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं और तेजस्वी यादव के सबसे भरोसेमंद सहयोगियों में से एक हैं। वहीं रमीज, तेजस्वी के पुराने दोस्त बताए जाते हैं जो पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। गाड़ी के फ्रंट सीट पर बैठने पर शुरू हुआ विवाद 18 सितंबर को लालू यादव की दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया था। पोस्ट आलोक कुमार नाम के एक राजद समर्थक का था। पोस्ट में लिखा था कि पूरे बिहार के साथ-साथ हम तमाम लोग फ्रंट सीट पर लालू जी और तेजस्वी यादव को बैठे/बैठते देखने के अभ्यस्थ हैं। उनकी जगह पर कोई और बैठे यह हमें कतई मंजूर नहीं। जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में एक विलक्षण रणनीतिकार-सलाहकार-तारणहार नजर आता हैज् ये बात अलग है। आलोक कुमार के इस पोस्ट के नीचे एक फोटो चस्पा थी, जिसमें बिहार अधिकार यात्रा की बस के दाईं ओर की फ्रंट सीट पर संजय यादव बैठे थे। रोहिणी ने पोस्ट शेयर करते हुए कुछ लिखा तो नहीं, लेकिन उसके बाद लालू परिवार में खटपट की खबरें आने लगी। अगले दिन 19 सितंबर को खटपट की खबरों को बल तब मिला जब उन्होंने अपने एक्स हैंडल से पार्टी के साथ-साथ लालू-राबड़ी सहित परिवार के हर सदस्य को अनफॉलो कर दिया। इसके बाद मीडिया में लालू परिवार में फूट की खबरें चलने लगी। संजय की बढ़ती ताकत से घरवाले नाराज कहा जाता है कि लालू यादव ने तेजस्वी यादव को फ्री हैंड दे दिया है। जब से तेजस्वी को पूरी पावर मिली है, उनके करीबी संजय यादव का प्रभाव भी बढ़ गया है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, तेजस्वी क्या करेंगे, किससे बात करेंगे, उनकी रणनीति क्या होगी सब संजय यादव तय करते हैं। रोहिणी ने इशारों-इशारों में संजय को निशाने पर लिया है। हालांकि, इससे पहले तेज प्रताप यादव खुलेआम आलोचना कर चुके हैं। आजकल तेज प्रताप ‘जयचंद’ कह कर निशाना साधते हैं। कहा जाता है कि उनका इशारा संजय की तरफ ही है।