राज्य
17-Nov-2025
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-अब तक नहीं मिली सरकारी सहायता कांकेर(ईएमएस)। ग्राम हेतले में रहने वाले सुरेश दर्रो और उनका भतीजा योगेश दर्रो एक दर्दनाक हादसे के बाद जिंदगीभर के लिए दिव्यांग हो गए, लेकिन आज तक उन्हें शासन-प्रशासन से कोई सहायता नहीं मिल पाई है। दोनों अब बांस की बनी बैसाखियों के सहारे गुजारा कर रहे हैं और मदद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। घटना 2 जुलाई 2025 की है। सुरेश अपने भतीजे योगेश को कक्षा छठवीं में प्रवेश दिलाने भानुप्रतापपुर ले गए थे। लौटते समय सामने से नशे में धुत ट्रैक्टर चालक ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों के दाहिने पैर बुरी तरह कुचल गए। इलाज के दौरान डॉक्टरों को उनके पैर काटने पड़े। हादसे के बाद दोनों चलने-फिरने में असमर्थ हो गए हैं। घर से बाहर जाने के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। ग्रामीणों की मदद से दोनों ने खुद ही बांस की बैसाखियां बनाईं, लेकिन इनके सहारे चलने में भी भारी तकलीफ होती है। 35 वर्षीय सुरेश दर्रो विवाहित हैं और परिवार का भरण-पोषण करने वाले अकेले सदस्य थे। उन्होंने कहा मजदूरी करके परिवार चलाता था, पर अब चलना मुश्किल हो गया है। घर की रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना भी चुनौती बन गया है। शासन-प्रशासन से अभी तक कोई आर्थिक या चिकित्सकीय सहायता नहीं मिली।”इसी तरह योगेश दर्रो, जो कक्षा 6 में प्रवेश लेने गया था, ने बताया कि हादसे के कारण उसका पैर काटना पड़ा और उसकी पढ़ाई भी रुक गई है। बीते दिनों दोनों मन्हाकाल पहुंचे और स्थानीय विधायक विक्रम उसेंडी से मुलाकात कर अपनी व्यथा बताई। दोनों ने बैटरीयुक्त ट्रायसाइकिल और कृत्रिम पैर उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि वे सामान्य जीवन की ओर लौट सकें।