-दशकों से जमा हजारों मजदूरों की रोजी रोटी पर संकट, समाजबंधुओं ने कलेक्टर से लगाई गुहार गुना (ईएमएस) । जिला मुख्यालय से लगे मावन के करैया क्षेत्र में दशकों से ईंट भट्टा लगाकर अपनी रोज़ी-रोटी चलाने वाले कुम्हार-प्रजापति समाज के परिवार इन दिनों गहरी चिंता और असुरक्षा में हैं। प्रशासन की ओर से हाल ही में जारी बेदखली नोटिस ने इन गरीब परिवारों की नींद उड़ा दी है। जिस भूमि पर वर्षों से उनकी मेहनत की गूंज सुनाई देती रही, अब वही जमीन अडानी गु्रप की प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री के लिए आवंटित कर दी गई है, और ईंट भट्टे चलाने वाले परिवारों को वहां से हटने का आदेश दे दिया गया है। समाज के मनोज प्रजापति बताते हुए भावुक हो उठे कि शासन ने उन्हें पहले इसी क्षेत्र में ईंट निर्माण के लिए करीब दो हेक्टेयर जमीन दी थी। आधा सैकड़ा परिवार दिन-रात मेहनत कर ईंट बनाते हैं और लगभग तीन हजार मजदूरों का पेट इसी काम से भरता है। लेकिन अब अचानक उन्हें अतिक्रमणकारी बताया जा रहा है। अगर हमें यहां से बिना दूसरी जमीन दिए हटा दिया गया, तो सैकड़ों परिवार सडक़ पर आ जाएंगे। हमारे बच्चों का भविष्य क्या होगा? भट्टा संचालकों का कहना है कि पिछले पाँच-छह महीनों में कई बार नोटिस मिले, पर हर बार प्रशासन ने आश्वासन दिया कि यदि जमीन खाली कराई गई तो उसके बदले दूसरी जगह — करीब 40 बीघा दी जाएगी, ताकि वे अपना काम जारी रख सकें। लेकिन आज तक उन्हें कागज पर एक इंच जमीन भी नहीं दी गई। परिवारों का कहना है कि वे प्रशासन का विरोध नहीं कर रहे, बस इतना चाहते हैं कि उन्हें बिना वैकल्पिक जगह दिए उजाड़ा न जाए। तहसीलदार द्वारा जारी नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि सर्वे नंबर 679/1/6/1 की करीब 5 हेक्टेयर भूमि अडानी सीमेंट प्लांट के लिए आवंटित है और ईंट भट्टा लगाना भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत दंडनीय है। परिवारों को 18 नवंबर तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है, अन्यथा बेदखली की कार्रवाई होगी। ईंट भट्टा संचालकों और मजदूरों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जब तक दूसरी जगह आवंटित न हो, बेदखली न की जाए, क्योंकि यह मुद्दा सिर्फ जमीन का नहीं, बल्कि हजारों लोगों के जीवन, परिवारों की सुरक्षा और आने वाली पीढय़िों के भविष्य का है। वे कहते हैं— अडानी की फैक्ट्री बने, हमें कोई आपत्ति नहीं लेकिन हमारी दुनिया उजाडक़र नहीं। सीताराम नाटानी/18नवंबर2025