नई दिल्ली (ईएमएस)। उत्तप्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का भाजपा में कद अब और बढ़ गया है। बिहार विधानसभा चुनाव में बतौर सह प्रभारी बेहतर प्रदर्शन करने के बाद उन्हें अब पार्टी विधायक दल का नेता चुनने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। पहले भी कई राज्यों में केशवप्रसाद को अहम जिम्मेदारियों मिलती रही है। अब बिहार में बढ़ी जिम्मेदारी को काफी अहम माना जा रहा है। केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में ही यूपी में 2017 का चुनाव लड़ा गया था। तब वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। तब 14 साल बाद भाजपा को सत्ता में वापसी हुई थी। पार्टी ने तीन चौथाई बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। उन्हें महाराष्ट्र विस चुनाव 2019 में भी सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी। भाजपा वहां भी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। पश्चिम बंगाल में भी उन्हें चुनाव प्रबंधन का काम दिया गया था। बात दें कि यूपी में भाजपा को पहली बार ओबीसी चेहरे कल्याण सिंह के नेतृत्व में सत्ता हासिल हुई थी। उसके बाद 14 साल बाद 2017 में सरकार बनी तब बतौर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का चेहरा था। इससे पार्टी में यह बात उठती रहती है कि ओबीसी वोट बैंक जरूरी है। इसके लिए पार्टी के पास ओबीसी चेहरे होने चाहिए। उधर, हिंदुत्व के ध्रुवीकरण के जवाब में विपक्ष लगातार पीडीए का कार्ड खेल रहा है। इस पीडीए कार्ड से विपक्ष को 2024 के लोकसभा चुनाव में काफी हद तक सफलता भी मिली थी। इसके बाद भाजपा को भी लग रहा है कि किसी तरह पीडीए का तोड़ निकाला जाए। इसी नजरिए से केशव प्रसाद उनके पास ओबीसी का बड़ा चेहरा है। यूपी के बाद अब पार्टी इसी का लाभ लेने की कोशिश पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर कर रही है। आशीष/ईएमएस 20 नवंबर 2025