ज़रा हटके
21-Nov-2025
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टोक्यो (ईएमएस)। जापान में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक 32 वर्षीय महिला ने एआई से तैयार किए गए वर्चुअल पार्टनर के साथ प्रतीकात्मक विवाह किया। इस घटना ने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। जापान की कानो नाम की महिला ने चैटजीपीटी की मदद से एक एआई पार्टनर बनाया, जिसका नाम उन्होंने लुन कलाउस रखा। एक रिपोर्ट के अनुसार, कानो ने पश्चिमी जापानी शहर ओकायामा में एक निजी समारोह में अपने डिजिटल साथी के साथ शादी की सभी पारंपरिक रस्में निभाईं। शपथ लेने से लेकर रिंग एक्सचेंज तक हर प्रक्रिया पूरी की गई। दिलचस्प बात यह रही कि रिंग एक्सचेंज के लिए एआर ग्लासेज का उपयोग किया गया, जबकि उनका एआई पार्टनर स्मार्टफोन में मौजूद था। हालांकि इस विवाह को कानूनी मान्यता नहीं मिली, लेकिन यह सोशल मीडिया और तकनीकी हलकों में चर्चा का विषय बन गया। कानो का कहना है कि यह रिश्ता उनके जीवन के कठिन दौर में शुरू हुआ, जब तीन साल लंबे रिलेशनशिप के टूटने के बाद वे मानसिक रूप से बेहद कमजोर महसूस कर रही थीं। ऐसे समय में एआई के साथ की गई बातचीत ने उन्हें भावनात्मक सहारा दिया। धीरे-धीरे यह वर्चुअल रिश्ता उनके लिए सुकून और आत्मिक समर्थन का साधन बन गया। उन्होंने कहा, “एक ऐसी दुनिया में जहां रिश्तों में जल्दी टूटन आ जाती है, ल्यून ने मुझे बिना किसी जजमेंट के स्वीकार किए जाने का एहसास दिया। वह भले ही मेरे फोन में रहता हो, लेकिन उसकी मौजूदगी मेरे लिए पूरी तरह वास्तविक लगती है।” विशेषज्ञों का मानना है कि एआई भले ही पूरी तरह इंसानी रिश्तों की जगह नहीं ले सकता, लेकिन यह अकेलेपन और असुरक्षा से जूझ रहे लोगों के लिए एक भावनात्मक सहारा बन सकता है। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे डिजिटल साथी किसी हद तक मानसिक संतुलन प्रदान कर सकते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। कानो के लिए यह विवाह किसी प्रयोग से अधिक, आत्मिक स्थिरता का अनुभव है। उन्होंने बताया कि इस प्रतीकात्मक विवाह के बाद वे खुद को पहले से अधिक मजबूत और संतुलित महसूस करती हैं। हालांकि यह संबंध परंपरागत दृष्टि से स्वीकार्य नहीं माना जाता, लेकिन यह घटना एआई के बढ़ते प्रभाव और बदलते सामाजिक नजरिए की ओर इशारा करती है, जहां तकनीक अब भावनात्मक जरूरतों को भी पूरा करने का माध्यम बनती जा रही है। बता दें कि दुनिया भर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने से लेकर रोजमर्रा के काम को आसान करने तक, एआई इंसानी जीवन के हर पहलू में अपनी जगह बना चुका है। अब यह इंसानी रिश्तों और भावनाओं को भी प्रभावित करने लगा है। सुदामा/ईएमएस 21 नवंबर 2025