नई दिल्ली (ईएमएस)। आधुनिक पोषण विज्ञान में अलसी को ‘सुपर सीड’ कहा जाता है, जबकि आयुर्वेद में इसे तिलवर्ग का सबसे श्रेष्ठ और उपयोगी बीज माना गया है। इसके छोटे-छोटे भूरे बीज भले ही साधारण दिखाई दें, लेकिन इनके भीतर अद्भुत पोषण शक्ति छिपी होती है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और लिग्निन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिल, दिमाग, पाचन तंत्र, त्वचा और बालों सभी के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। पुराने समय से ही इसे “देसी ओमेगा-3 का राजा” कहा जाता रहा है और विदेशों में इसे ‘गोल्डन सुपर सीड’ के रूप में पहचान मिली है। अलसी के बीज प्राकृतिक न्यूट्रिशन बूस्टर हैं जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं। यह हार्ट हेल्थ को सपोर्ट करते हैं, ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं और पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं। इसमें मौजूद फाइबर शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे स्किन साफ और ग्लोइंग रहती है। वहीं, इसके नियमित सेवन से बाल मजबूत और घने बनते हैं। अलसी महिलाओं के लिए भी विशेष रूप से उपयोगी है, क्योंकि यह हार्मोन बैलेंस बनाए रखने में सहायक है। इसके अलावा यह भूख को देर से लगने के कारण वजन नियंत्रण में भी मदद करती है। अलसी का सेवन करने का तरीका भी बेहद सरल है। इसे हल्का भूनकर पाउडर बना लें और रोज सुबह एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें। इसके अलावा इसे दही, सलाद, ओट्स, पोरीज या रोटी के आटे में मिलाकर भी खाया जा सकता है। कुछ लोग भुनी अलसी पाउडर में बारीक कटा प्याज, हरी मिर्च, धनिया, नमक, सरसों तेल और नींबू मिलाकर स्वादिष्ट ‘अलसी का चोखा’ भी तैयार करते हैं, जो स्वाद के साथ सेहत भी देता है। हालांकि, इसके सेवन के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। अलसी को हमेशा पिसे हुए रूप में ही खाएं, क्योंकि पूरे दाने अक्सर बिना पचे ही शरीर से बाहर निकल जाते हैं। रोजाना एक चम्मच पाउडर पर्याप्त मात्रा मानी जाती है। सुदामा/ईएमएस 23 नवंबर 2025