मुंबई, (ईएमएस)। आईआईटी, पवई की स्ट्रक्चरल इंस्पेक्शन रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि सायन प्रतीक्षा नगर में म्हाडा के मुंबई बिल्डिंग रिपेयर एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड के ट्रांज़िशनल कैंप की चार बिल्डिंग्स बहुत खतरनाक हैं। इसलिए, म्हाडा अथॉरिटी ने अब इन चारों बिल्डिंग्स को खाली कराने और मुंबई बोर्ड के ज़रिए इन्हें रीडेवलप करने का फैसला किया है। इसके मुताबिक, इन चारों बिल्डिंग्स में रहने वालों को ट्रांज़िशनल कैंप की जगह खाली करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। हालांकि, इसमें रहने वालों ने इसका विरोध किया है। फ्लेक्स पर यह अनाउंस किए जाने के बाद कि सायन प्रतीक्षा नगर म्हाडा ट्रांज़िशनल कैंप की बिल्डिंग्स टी-36, टी-37, टी-53 और टी-54 खतरनाक हैं और जगह तुरंत खाली कर दी जानी चाहिए, रहने वालों में गुस्सा फैल गया है। इस फ्लेक्स में बताया गया है कि आईआईटी ने इन बिल्डिंग्स का स्ट्रक्चरल ऑडिट किया है और ये बिल्डिंग्स रहने के लिए खतरनाक हैं। लोगों का आरोप है कि म्हाडा ऐसे फ्लेक्स लगाकर अचानक और बिना किसी पहले से नोटिस के लोगों पर बिल्डिंग खाली करने का दबाव बना रहा है। लोगों के मुताबिक, म्हाडा ने फ्लेक्स के ज़रिए बिल्डिंग को खतरनाक बताते हुए तुरंत खाली करने की अपील की है, लेकिन असल में शिफ्ट करने के लिए कोई पारदर्शक प्रक्रिया, बैठक, लिखित गारंटी या संवाद नहीं किया गया है। लोगों का कहना है कि फ्लेक्स पर दिए गए ऑप्शन, ट्रांज़िशन कैंप या 20,000 रुपये प्रति महीने का किराया, लोगों की संख्या के हिसाब से काफी नहीं, प्रैक्टिकल नहीं हैं और बहुत कम हैं। लोगों ने मांग की है कि म्हाडा अचानक फ्लेक्स लगाकर लोगों में डर पैदा करना बंद करे। रीडेवलपमेंट की अधिकृत जानकारी, कागजात, शेड्यूल और गारंटी दी जानी चाहिए। आम आदमी से सीधी बातचीत के बाद लोकतांत्रिक तरीके से फैसले लिए जाने चाहिए। इस बीच, लोगों ने म्हाडा के फैसले के खिलाफ अगले आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल आईआईटी रिपोर्ट के मुताबिक, अब म्हाडा के उपाध्यक्ष ने मुंबई बोर्ड के ज़रिए इन चारों बिल्डिंग्स को रीडेवलप करने का फैसला किया है। इसके मुताबिक, कार्रवाई चल रही है। दूसरी तरफ, दुरुस्ती बोर्ड ने इस अत्यंत खतरनाक बिल्डिंग में रहने वाले 250 से 275 लोगों को जगह खाली करने का नोटिस दिया है। रिपेयर बोर्ड ने रहने वालों को दो विकल्प भी दिए हैं- दूसरे ट्रांजिट कैंप में रहने की जगह या 20,000 रुपये महीने का किराया। तो अब रिपेयर बोर्ड और मुंबई बोर्ड के सामने यह चुनौती होगी कि वे इस जगह को खाली करवाएं और रीडेवलपमेंट का काम करें। इस बीच, रिपेयर बोर्ड ने बिल्डिंग के बाहर लगाई गई एक अपील में कहा है कि अगर रिपेयर बोर्ड के दिए गए किसी भी विकल्प को चुनकर बिल्डिंग खाली नहीं किए जाते हैं और भविष्य में कोई भी बिल्डिंग गिरती है या कोई हादसा होता है, जिससे किसी की जान जाती है या संपत्ति का नुकसान होता है, तो रिपेयर बोर्ड ज़िम्मेदार नहीं होगा। स्वेता/संतोष झा- २६ नवंबर/२०२५/ईएमएस