कोरबा (ईएमएस) कोरबा शहर की स्वच्छता पर निगम के सफाई कर्मी ही दाग लगा रहे हैं। डंपिंग यार्ड में पहुंचाने के बजाय वे रेलवे स्टेशन और मानिकपुर पोखरी क्षेत्र के ग्रीन बेल्ट एरिया में कचरा फेंक रहे हैं। जानकारी के अनुसार कचरा फेंकने का यह सिलसिला नियमित का नहीं, वरन कुछ दिनों के अंतराल में किया जाता है, ताकि लोगों की नजर उन पर न पड़े। एसईसीएल कोरबा के सेंट्रल वर्कशॉप से होते हुए मानिकपुर पोखरी के किनारे से रेलवे स्टेशन के सेकेंड एंट्री तक जाने का रास्ता आम है। साथ ही बाइपास पर कोयला लेकर भारी वाहन भी दौड़ते हैं। सड़क के दूसरी ओर ग्रीन बेल्ट एरिया है, जहां हरे-भरे पेड़ लगाए गए हैं, ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। यहां इन दिनों भारी मात्रा में कचरा फेंक दिया गया है। कचरा फेंकने के दौरान अगर कोई कर्मचारियों को रोकने की कोशिश करता है तो वे सीधे जवाब नहीं देते हैं। इसके कारण कोई उनसे उलझना ही नहीं चाहता है। इस पर समय रहते विराम नहीं लगाया गया तो यह क्षेत्र भी अवैध रूप से कचरा डंपिंग यार्ड बन जाएगा। रेल कर्मी होते हैं कचरे की बदबू से परेशान इस रास्ते से बड़ी संख्या में यात्रियों का स्टेशन आना-जाना होता है। इसके अलावा नियमित ड्यूटी आने-जाने वाले रेल कर्मी भी होते हैं, जिन्हें यहां से गुजरने के दौरान काफी असहज महसूस होता है। नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक संजय तिवारी ने पिछले दिनों कहा था कि कचरा फेंकने एक निर्धारित स्थल चिन्हित किया है। कचरा फेंकने वाले सफाई कर्मियों को तय स्थल पर ही फेंकने कहा है। उन्होंने कहा था कि अगर कोई खुले में कचरा फेंकता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी, लेकिन उनकी चेतावनी के बाद भी विभागीय कर्मियों द्वारा ही ग्रीन बेल्ट एरिया में कचरा फेंक कर आसपास के लोगों को परेशान किया जा रहा है।