बलौदाबाजार,(ईएमएस)। जिला प्रशासन द्वारा नशामुक्त समाज की दिशा में चलाई जा रही पहल लगातार सकारात्मक परिणाम दे रही है। विशेष रूप से जिले में संचालित नशा मुक्ति केंद्र कई युवाओं और परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण बनकर उभरा है। कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में नशामुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत बनाने पर निरंतर कार्य हो रहा है। नई दिशा अभियान के तहत स्थापित नशा मुक्ति केन्द्र स्थापना के बाद से 181 लोगों को नशे से पूर्ण रूप से मुक्त किया गया है। 16 व्यक्ति वर्तमान में उपचाररत हैं। जिला प्रशासन द्वार जिले को पूरी तरह नशामुक्त बनाने एवं नशे से पीड़ित व्यक्तियों को सुरक्षित एवं नियंत्रित वातावरण में मनोरोग विशेषज्ञों की देखरेख में उपचार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नई दिशा अभियान की शुरुआत विगत पिछले वर्ष की गई है। संगी मितान सेवा संस्थान द्वारा संचालित नशा मुक्ति केंद्र - जिले में नशा मुक्ति केंद्र का संचालन समाज कल्याण विभाग से मान्यता प्राप्त एवं अनुदानित संस्था संगी मितान सेवा संस्थान द्वारा जुलाई 2024 से किया जा रहा है। नशा मुक्ति केंद्र खैरघटा रोड, बलौदाबाजार-भाटापारा में स्थित है। जहां अब तक 192 हितग्राही पंजीकृत है, स्थापना के बाद से 181 लोगों को नशे से पूर्ण रूप से मुक्त किया गया है। 16 व्यक्ति वर्तमान में उपचाररत हैं। दूसरा नशा मुक्ति केंद्र का भाटापारा में हुआ शुभारंभ-इसी क्रम में जिले में नशामुक्ति सेवाओं का विस्तार करते हुए भाटापारा के महारानी चौक में जिले के दूसरे नशा मुक्ति केंद्र का बुधवार को संक्षिप्त उद्घाटन किया गया। यह केंद्र 15 युवाओं की क्षमता वाला है और वर्तमान में 10 युवक यहां उपचाररत हैं। केंद्र की प्रमुख सुविधाएं -विशेषज्ञ मनोरोग चिकित्सकों की निगरानी में शारीरिक व मानसिक उपचार।मेडिकल आकलन, डिटॉक्सिफिकेशन और काउंसलिंग।पौष्टिक भोजन, योग, मनोरंजन व खेलकूद गतिविधियां।आत्मनिर्भरता हेतु प्रशिक्षण—धूपबत्ती, कपूर टिक्की निर्माण इत्यादि।सुरक्षित आवासीय व्यवस्था और 24×7 निगरानी। नई दिशा अभियान नशामुक्ति की पहल - जिला प्रशासन द्वारा युवाओं, बच्चों और परिवारों को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए गांव-गांव जागरूकता गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं।मास्टर वॉलेंटियरों द्वारा हर ग्राम पंचायत में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिले के विभिन्न महाविद्यालयों में 42 कैंप और 34 कार्यशालाएं, जिनमें 24,107 विद्यार्थी शामिल हुए। अभियान के माध्यम से 12,150 लोगों तक मानसिक स्वास्थ्य और नशामुक्ति सेवाएं पहुंचाई गईं। भारत माता वाहिनी के 140 समूहों के 1400 सदस्य अभियान में सक्रिय योगदान दे रहे है, जो गांवों में दीवार लेखन तथा प्रेरक पोस्टरों के माध्यम से सतत जागरूकता का कार्य कर रही है। नशा मुक्ति केंद्र ने कई युवाओं के जीवन में लाई नई रोशनी- जिले में संचालित नशा मुक्ति केंद्र कई युवाओं के जीवन में नई रोशनी लेकर आया है। यहाँ भर्ती हुए अनेक युवक, जो लंबे समय तक नशे की गिरफ्त में थे, अब पूरी तरह नशामुक्त होकर जीवन की नई शुरुआत कर रहे हैं। परिवारों ने भारी मन से अपने बेटों और परिजनों को उपचार के लिए केंद्र में भेजा था और आज वही युवा न केवल नशे से छुटकारा पा चुके हैं, बल्कि अपनी मेहनत और लगन से आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं। केंद्र में उपचार और काउंसलिंग के बाद अनेक युवाओं ने नशे को हमेशा के लिए छोड़ दिया। उल्लेखनीय बात यह है कि उनमें से कई को वहीं रोजगार का अवसर भी प्राप्त हुआ है। कुछ युवक केंद्र में ही केयर टेकर के रूप में सेवाएँ दे रहे हैं तो कुछ ने किचन में कुक के रूप में अपनी नई भूमिका संभाली है। नशे से लड़कर जीवन में नए उद्देश्य के साथ आगे बढ़ने की उनकी यह यात्रा जिले के लिए प्रेरक उदाहरण बन गई है। सत्यप्रकाश/चंद्राकर/28 नवम्बर 2025