बिहार सरकार ने हाल ही में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनसे राज्य के आर्थिक, औद्योगिक, तकनीकी और सामाजिक परिदृश्य में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में लिए गए इन निर्णयों में एक करोड़ नौकरियाँ व रोजगार, डिफेंस कॉरिडोर की स्थापना, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, पुरानी बंद पड़ी मिलों का पुनरुद्धार, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मिशन की शुरुआत, और पर्यावरण-सम्मत आधुनिक टाउनशिपों का विकास जैसे बड़े कदम शामिल हैं। यह केवल योजनाओं का विस्तार नहीं, बल्कि बिहार को एक उद्योग प्रधान तकनीक संचालित और रोजगार-समृद्ध राज्य के रूप में स्थापित करने का एक बड़ा रोडमैप है। बिहार में विकास की नई लहर की एक पृष्ठभूमि की सक्रियता देखने को मिल रही है।बिहार लंबे समय तक आर्थिक पिछड़ेपन, उद्योगों के पलायन और कम रोजगार अवसरों जैसी चुनौतियों से जूझता रहा है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढाँचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क नेटवर्क में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, लेकिन उद्योग और टेक्नोलॉजी आधारित विकास अभी भी अपेक्षा से कम था।नीतीश कैबिनेट के हालिया फैसलों ने उस खालीपन को भरने का प्रयास किया है, जिससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि बिहार के युवाओं को यहाँ ही रोजगार के बेहतरीन अवसर मिलेंगे।एक करोड़ नौकरियाँ एवं रोजगार की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता है। बिहार युवाओं के लिए बड़ी उम्मीदलेकर आया है।सरकार ने अगले कुछ वर्षों में एक करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह निर्णय बिहार के इतिहास में अब तक सबसे बड़ा रोजगार मिशन माना जा रहा है। इस योजना में सरकारी भर्तियाँ,शिक्षकों की बड़े पैमाने पर भर्ती,स्वास्थ्य क्षेत्र में डॉक्टर, नर्स और टेक्नीशियन की नियुक्ति,पुलिस बल में रिक्तियों की पूर्ति और पंचायती राज और शहरी निकायों में नियुक्तियाँ शामिल है। निजी क्षेत्र में रोजगार भी उपलब्ध होगा।यहाँ डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर पार्क, बंद मिलों को चालू करने और समर्थन मूल्य को बढ़ावा देने जैसी योजनाएँ सीधे नए रोजगार पैदा करेंगी। कौशल-आधारित रोजगार पर भी पूरा फोकस है। सरकार उद्योगों की जरूरतों के अनुसार नए कोर्स और ट्रेनिंग मॉड्यूल शुरू करेगी।बिहार से होने वाले बड़े पैमाने पर पलायन में कमी आएगी।युवावर्ग गुजरात,मुम्बई आदि औधोगिक शहर की तरफ पलायन कर रहे है।इस दिशा में जरुर कमी आएगी। इसके साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था की मजबूती देखने को मिलेगी।युवाओं में उभरता आत्मविश्वास इस बात का धोतक है कि युवाओं ने उस सिस्टम पर भरोसा किया है,जिसकी कथनी करनी समान है।बिहार में चीनी उद्योग को पुनर्जीवित करने की दिशा में सदन में चर्चा हुई।बिहार कभी चीनी उद्योग के लिए देशभर में प्रसिद्ध था, लेकिन बदहाल प्रबंधन, तकनीकी पिछड़ापन और बाजार प्रतिस्पर्धा के कारण अधिकांश चीनी मिलें बंद हो गईं। कैबिनेट का नया निर्णय है किपुरानी चीनी मिलों को आधुनिक तकनीक से पुनः शुरू किया जाएगा। गन्ना किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और डिजिटल भुगतान की सुविधाएं उपलब्ध होगी।एथेनॉल उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि एथेनॉल नीति बिहार के लिए लाभदायक है।संभावित लाभ पर सभी की नजर है।हजारों स्थायी रोजगार,कृषि-केंद्रित अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।एथेनॉल उत्पादन के माध्यम से राज्य की अतिरिक्त आय बढ़ेगी।डिफेंस कॉरिडोर उद्योग और सुरक्षा का नया आयाम प्रस्तुत कर रहा है। बिहार में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना एक ऐतिहासिक कदम है। रक्षा उत्पादन क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में बिहार के लिए यह अवसर बड़ी छलांग साबित हो सकता है।डिफेंस कॉरिडोर से फायदेभी अपार है।ड्रोन, हथियार, गोला-बारूद, रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण उच्च तकनीकी कौशल की मांग और विदेशी व घरेलू कंपनियों का निवेश आदि सम्मिलित होगा।युवाओं के लिए उच्च वेतन वाली नौकरियाँ और आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई चेन उद्योगों का विकास आदि नई सरकार की बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है।यह कॉरिडोर बिहार को देश के रणनीतिक औद्योगिक नक्शे पर एक नई जगह देगा। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क डिजिटल बिहार की आधारशिला है।आज दुनिया चिप और सेमीकंडक्टर की कमी से जूझ रही है। भारत भी वैश्विक बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टर विनिर्माण पर जोर दे रहा है। बिहार ने इस दौड़ में शामिल होकर यह संकेत दिया है कि राज्य डिजिटल अर्थव्यवस्था में योगदान देने को तैयार है।चिप डिजाइन व टेस्टिंग लैब इस पार्क में उपलब्ध होंगे।वेफर फैब्रिकेशन यूनिट,इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर निर्माण,अनुसंधान केंद्रस्थापित होंगे। अत्याधुनिक तकनीकी नौकरिया उच्च निवेश इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का प्रसार सहित लाभ उपलब्ध होगा। नीतीश सरकार ने पुरानी बंद मिलों का पुनरुद्धार और औद्योगिक धरोहर को नई जान देने के लिए मार्ग प्रशस्त किये है।बिहार की कई चीनी मिलें, जूट मिलें, कपड़ा मिलें और कृषि आधारित उद्योग दशकों से बंद पड़े हैं।सरकार ने निर्णय लिया है किपब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल अपनाया जाएगा।नई तकनीकों से मिलों को आधुनिक रूप दिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर समर्थन मूल्य को जोड़कर सप्लाई चेन तैयार होगी।इससे स्थानीय रोजगार सृजन,किसानों को स्थिर बाजार औरग्रामीण औद्योगिकीकरण की गति बढ़ेगी।आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मिशन की स्थापना से टेक्नोलॉजी का नया युग आरम्भ होगा।दुनिया तेजी से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित तकनीकों की ओर बढ़ रही है। बिहार सरकार का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मिशन इन उभरते क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित करने और शोध को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मिशन के प्रमुख उद्देश्य यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित स्टार्टअप्स का विकास होगा।सरकार की सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि युवाओं के लिए आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग, डेटा साइंस के कोर्स,आईटी इंडस्ट्री को बिहार में बढ़ावा आदि फायदे उपलब्ध होंगे।यह पहल बिहार को तकनीकी क्रांति में अग्रणी बनाएगी।नियोजि,पर्यावरण-संगत और आधुनिक टाउनशिप की आवश्यकता पर जोर दिया है। बिहार की जनसंख्या तेज़ी से बढ़ रही है। शहरों पर बोझ बढ़ रहा है। अव्यवस्थित बसावट, ट्रैफिक, प्रदूषण और बुनियादी सुविधाओं की कमी एक बड़ी चुनौती है। सरकार ने ऐसे आधुनिक, नियोजित और पर्यावरण-संगत टाउनशिपों के विकास पर जोर दिया है।इन टाउनशिपों की प्रमुख विशेषताएँ हरित क्षेत्र, पार्क, झीलें, सोलर एनर्जी आधारित बिजली,स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम,मॉडर्न हाउसिंग,स्कूल, अस्पताल और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स आदि की तरफ बढ़ते कदम उत्साहित करने वाले है। इससे शहरों पर बोझ कम होगा। लोगों को बेहतर जीवन गुणवत्ता मिलेगी। और निवेश आकर्षित होगा।आर्थिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ।इन फैसलों का बिहार की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।निवेश में वृद्धि,डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर पार्क और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस मिशन निजी निवेश को आकर्षित करेंगे। रोजगार आधारित अर्थव्यवस्था का लाभ मिलेगा।एक करोड़ रोजगार युवाओं के लिए नया अध्याय होगा। कृषि और उद्योग का संतुलन बनेगा।चीनी मिलें और ग्रामीण उद्योग दोनों ही अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे। तकनीकी प्रगति आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और सेमीकंडक्टर इंजीनियरिंग बिहार के युवाओं को आईटी सेक्टर में नई पहचान दिलाएगी।विकास का नया बिहार बन रहा है। नीतीश कैबिनेट के ये फैसले बिहार को एक नए विकास मॉडल की ओर ले जा रहे हैं।जहाँ परंपरा और तकनीक का संतुलन है।विकास की यह नई यात्रा रोजगार और औद्योगिकीकरण तकनीकी उन्नति ,पर्यावरण अनुकूल शहरी विकास औरकृषि और ग्रामीण उद्योग के पुनरुत्थान आदि इन सभी को साथ लेकर आगे बढ़ती है। यदि योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया गया, तो निकट भविष्य में बिहार न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि भारत के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल हो सकता है। (वरिष्ठ पत्रकार, साहितकार- स्तम्भकार) (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) .../ 29 नवम्बर/2025