भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर सेमिनार लखनऊ,(ईएमएस)। उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन, नौजवान भारत सभा की शताब्दी पर भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर एक राष्ट्रीय परिसंवाद (सेमिनार) हुआ। इस कार्यक्रम में प्रो. जगमोहन सिंह (भगत सिंह के भांजे) का संबोधन हुआ , जो शहीद भगत सिंह शताब्दी फाउंडेशन के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि भगत सिंह के इंकलाब (क्रांति) का बीज आजमगढ़ की माटी में जीवित है। उन्होंने शिब्ली मंजिल, राहुल जन्म स्थान पंदहा और निजामाबाद गुरुद्वारे का उल्लेख करते हुए भगत सिंह के विचारों को आज भी प्रासंगिक बताया। भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में 350 किताबों का अध्ययन किया था। उनका मानना था कि युवाओं को अध्ययन करना चाहिए ताकि वे हर सवाल का जवाब दे सकें। भगत सिंह की सोच के 5 बिंदु: धर्म के जुनून से मुक्ति, जाति से मुक्ति, महिलाओं की आजादी, समाज में गैरबराबरी का अंत और देश से पूंजीवाद का खात्मा करना था। उन्होंने कहा कि भगत सिंह समाज को एक सूत्र में जोड़ने का प्रयास कर रहे थे, जबकि संघ और बीजेपी गांधी और नेहरू को कमतर करके खुद को ऊंचा दिखाना चाहते हैं। उन्होंने आजमगढ़ की यात्रा को तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि एक क्रांति यात्रा बताया। इस कार्यक्रम में अरविंद राज स्वरूप (भाकपा राज्य सचिव) ने कहा कि भगत सिंह 1917 की रूसी क्रांति से बहुत प्रभावित थे। उनका मानना था कि अगर भगत सिंह को फाँसी नहीं दी गई होती, तो वे कम्युनिस्ट पार्टी में होते। उनका प्रिय नारा इंकलाब जिंदाबाद था, जिसका अर्थ सामाजिक परिवर्तन है। उन्होंने कार्ल मार्क्स के सिद्धांत का उल्लेख किया कि आज जो है, वह कल नहीं रहेगा। कार्यक्रम में जयप्रकाश सिंह (अधिवक्ता) ने कहा कि समाज में बदलाव के लिए भगत सिंह की तरह किताबें पढ़नी होंगी। उन्होंने भगत सिंह की जेल डायरी मैं नास्तिक क्यों हूं का उल्लेख किया, जिसमें समग्र दर्शन है। कार्यक्रम में पहुंचे धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ के सांसद, समावादी पार्टी ने आजमगढ़ को समाजवादियों की धरती बताया, जहाँ के लोग हमेशा फासिस्टवादी ताकतों का विरोध करते रहे हैं। उन्होंने कॉर्पोरेट-परस्त और किसान-मजदूर विरोधी बीजेपी को हटाने की बात कही। भाकपा से जुड़े स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिजनों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय ने की और संचालन भाकपा जिला सचिव जितेंद्र हरि पाण्डेय ने किया। आशीष दुबे / 01 दिसंबर 2025